RATAN TATA INSTITUTE की कमान संभालेंगी नोएल टाटा की बेटियां, जानें कौन हैं माय और लिया!

RATAN TATA INSTITUTE-नोएल टाटा की बेटियां माय और लिया बनीं सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट की नई ट्रस्टी, विवाद भी साथ आया!

नोएल टाटा की बेटियां माय टाटा (36) और लिया टाटा (39) ने सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट (SRTII) के ट्रस्टी बोर्ड में जगह बना ली है। यह संस्थान सर रतन टाटा ट्रस्ट के तहत काम करता है, जो टाटा संस की मुख्य शेयरधारकों में से एक है।

ट्रस्टी बोर्ड में नई शुरुआत | RATAN TATA INSTITUTE

माय और लिया टाटा ने अर्नाज़ कोटवाल और फ्रेडी तलाटी की जगह ली है। यह कदम टाटा ट्रस्ट्स के छोटे संस्थानों में टाटा परिवार की नई पीढ़ी को शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। हालांकि, माय और लिया को अब तक सर रतन टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट्स, और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट्स जैसे प्रमुख ट्रस्ट्स में शामिल नहीं किया गया है।

नोएल टाटा के परिवार का योगदान

नोएल टाटा, जो टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन हैं, के तीन बच्चे हैं – माय, लिया और नेविल (32)। माय और लिया को ट्रस्ट में शामिल कर टाटा परिवार ने अपने सामाजिक और परोपकारी उद्देश्यों को और सशक्त करने का प्रयास किया है।

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए SRTII का काम

1928 में लेडी नवाजबाई टाटा और स्त्री ज़रथोस्ती मंडल द्वारा स्थापित SRTII, महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में सक्रिय है। यह संस्था खाना पकाने, सिलाई, कढ़ाई, और मोंटेसरी शिक्षक प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में महिलाओं को प्रशिक्षित करती है।

विवाद का साया

इस नियुक्ति ने बोर्ड में एक विवाद भी खड़ा कर दिया है। अर्नाज़ कोटवाल, जिन्हें बोर्ड से हटाया गया, ने अन्य ट्रस्टियों को एक पत्र लिखकर अपनी नाराज़गी जाहिर की। उन्होंने लिखा, “मैं दुबई में हूं और काफी सोच-विचार के बाद मैंने बर्जिस के अनुरोध को स्वीकार किया, लेकिन यह जानकर दुख हुआ कि आपमें से किसी ने भी मुझसे सीधे इस बारे में बात नहीं की। मुझे एक अजनबी से यह सूचना मिली, जो CEO सिद्धार्थ शर्मा के निर्देश पर था, जिनका SRTII से कोई संबंध नहीं है।”

सर्वसम्मति से लिया गया फैसला

हालांकि, रिपोर्ट्स के अनुसार माय और लिया की नियुक्ति बोर्ड के सभी ट्रस्टियों – नोएल टाटा, विजय सिंह, वेणु श्रीनिवासन, दारियस खंबाटा, जहांगीर एच. जहांगीर, और महली मिस्ट्रे – की सर्वसम्मति से की गई।

भविष्य की दिशा

यह कदम संकेत देता है कि टाटा ट्रस्ट्स की नई पीढ़ी अब अधिक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। माय और लिया टाटा का यह योगदान न केवल टाटा समूह की परंपरा को आगे बढ़ाएगा, बल्कि सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयां छुएगा।

टाटा परिवार और SRTII के लिए यह एक नई शुरुआत है, लेकिन विवादों के साए ने इसे और दिलचस्प बना दिया है।

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