लंबे समय से टिकट वितरण को लेकर चल रही कवायदो को मिला वीराम..
आलीराजपुर। भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए झाबुआ-रतलाम संसदीय क्षेत्र से अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। झाबुआ-रतलाम संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी के नाम को लेकर बनी असमंजस की स्थिति साफ हो गई है। रविवार को पार्टी ने झाबुआ विधायक गुमानसिंह डामोर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। वर्ष 1952 को हुए पहली लोकसभा के चुनाव से लेकर 2015 में हुए उपचुनाव सहित कुल 17 चुनावों में केवल एक बार 2014 में भाजपा इस सीट पर जीत हासिल कर पाई है। यहां से भाजपा के लिए आदिवासी नेता दिलीपसिंह भूरिया ने खाता खोला था। इस बीच उनका आकस्मिक निधन होने के बाद सीट खाली हुई तो कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने फिर से यहां पर कब्जा जमा लिया। अब भाजपा ने गुमानसिंह पर दांव खेला है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये हैं कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ. विक्रांत भूरिया को 10 हजार 437 मतों के अंतर से हराया था। वह भी तब जब स्थानीय भाजपा नेता गुमानसिंह को बाहरी प्रत्याशी बताते हुए उनका विरोध कर रहे थे। लोकसभा चुनाव में अब उनका सामना कांतिलाल भूरिया से होगा।
गुमानसिंह पर ही दांव क्यों लगाया
झाबुआ विधायक गुमानसिंह डामोर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के मुख्य अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। विस चुनाव के दौरान उन्होंने पेटलावद विधानसभा से टिकट मांगा था। लेकिन पार्टीने उन्हें झाबुआ भेज दिया। इसके लिए विधायक शांतिलाल बिलवाल का टिकट काटना पड़ा। झाबुआ विधानसभा से नाम घोषित होने के अगले ही दिन 10 नवंबर को उन्होंने नामांकन दाखिल किया। इस दौरान स्थानीय भाजपा नेताओं ने उन्हें बाहरी प्रत्याशी बताते हुए जमकर विरोध दर्ज कराया। इसके बावजूद महज 20 दिन के भीतर उन्होंने सारी अटकल और अनुमान को धता बताते हुए माहौल अपने पक्ष में करते हुए जीत हासिल की।