Madhya Pradesh

कन्नौद:स्टांप नहीं मिलने के कारण पक्षकार और जनता परेशान

जुडिशल स्टांप और नॉन ज्यूडिशियल स्टांप नहीं उपलब्ध…जिम्मेदार के पास कन्नौद और देवास का चार्ज…महीने में एक दो बार आते हैं अधिकारी कन्नौद..मामला कन्नौद उपकोषालय में स्टांप नहीं मिलने का

कन्नौद । शपथ पत्र और अन्य सरकारी दस्तावेजों में प्रमाण के तौर पर उपयोग किए जाने वाले स्टाम्प पेपर की समस्या कन्नौद सहित संपूर्ण जिले में व्याप्त है। स्कूल में दाखिला और छात्रवृत्ति के लिए 50 रूपए के स्टाम्प पेपर में शपथ पत्र बनाकर संस्थाओं में जमा किया जाता है। लेकिन 50 रुपए का स्टाम्प खत्म हो जाने से विद्यार्थियों के परिजनों और अन्य मामले को लेकर जरूरतमंदों की मुसीबतें बढ़ गई है। 10 रुपए के स्टाम्प की किल्लत की वजह से 20 और 50 रुपए के स्टाम्प पेपर का इस्तेमाल मजबूरन किया जा रहा है लेकिन उप कोषालय कन्नौद में वह भी नहींंं मिल रहे है जिसके लिए लोगों को 50 से 100 रूपए चुकाना पड़ रहा है। 10 रुपए के स्टाम्प की तलाश में स्टाम्प विक्रता ट्रेजरी(कोषालय) और आम जनता सिविल कोर्ट और तहसील परिसर का चक्कर काट रहे हैं। बताया जा रहा है कि 10 रुपए के स्टाम्प की समस्या लगातार बनी रहती है। इसकी वजह नोडल डीपो रायपुर में ही स्टाम्प के कम होना बताया जा रहा है। सरकारी प्रेस से ही 10 और 20 रुपए के स्टाम्प का मुद्रण पहले से कम कर दिया गया है, जिससे नोडल डीपो में इसकी समस्या बनी हुई है। अब यह समस्या गरीब लोगों की जेब काट रही है। छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए दिए जाने वाला शपथ पत्र 50 रुपए के स्टाम्प पेपर में देने का प्रावधान है लेकिन 20 और 50 का स्टाम्प नहीं मिलने की वजह से लोगों को 50 रुपए का स्टॉम्प पेपर 60 रुपए में लेकर देना पड़ रहा है। जिले में स्टाम्प की आपूर्ति करने वाली संस्था टे्रजरी में भी इसकी आवक कम हो गई है। इस समस्या का कोई विकल्प फिलहाल मौजूद नहीं है। स्टांप वेंडर अरुण खड़ोदकर ने बताया कि करीब पांच-छह महीने से कन्नौद उपकोषालय में स्टांप नहीं होने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जुडिशल स्टांप 50, 100, 500, 1000 और नॉन ज्यूडिशियल स्टांप 5 ,10 ,20 ,50 ,100 के नहीं मिलने से पूरी व्यवस्था चरमरा गई है।एडवोकेट विनोद पटवा ने बताया कि स्टांप नहीं होने से पक्षकारों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है स्टांप नहीं होने से नोटरी भी नहीं हो रही है इससे दोहरी मार झेलना पड़ रही है।

अधिकारी के पास कन्नौद और देवास दोनों का चार्ज

उप कोषालय कन्नौद के अधिकारी सत्यनारायण शर्मा के पास कन्नौद और देवास दोनों के चार्ज है जिससे वह कन्नौद बहुत कम आते हैं इस कारण वह यहां की व्यवस्था नहीं देख पाते हैं और आम जनता और पक्षकारों को स्टांप नहीं मिलने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है महीने में एक दो बार आते हैं और इतिश्री कर के चले जाते हैं और देवास में अधिकतर रहते हैं

कोर्ट और तहसील का चक्कर

स्टाम्प के लिए सिविल कोर्ट जाने वाले लोगों को तहसील परिसर भेजा जा रहा है और तहसील परिसर में स्थित मुख्तारों के कार्यालयों से लोगों को 10-20 का स्टाम्प नहीं होने की बात कहकर सिविल कोर्ट भेजा जा रहा है। दोनों जगह से निराशा हाथ लगने के बाद अंतत: जरूरतमंदों के मजबूरन 100 के स्टाम्प में शपथ पत्र देना पड़ा रहा है।

ई स्टाम्प का लाभ नहीं

10 रुपए के स्टाम्प की आवक कम हो गई है। 20 का स्टाम्प भी समाप्त है। दूसरे जिलों के टे्रजरी से मांगकर अबतक आपूर्ति की जा रही है। इसके साथ स्टाम्प की समस्याओं से निबटने के लिए शासन की ओर से जिले में ई-स्टाम्प शुरूआत की गई थी पर अब उसका लाभ भी लोगों को नहीं मिल रहा है।

प्रचार-प्रसार की कमी

ई-स्टाप्म की सेवा कन्नौद में लागू है, इसके बाद भी इसका लाभ लोगोंं को नही मिल रहा है। डिजीटल इंडिया के तहत अन्य योजनाओं का प्रचार-प्रसार व्यापक तौर पर किया जा रहा है, लेकिन ई-स्टाम्प का प्रचार-प्रसार नहीं होने से इसकी जानकारी लोगों तक हीं पहुंच रही है। जानकारी के अभाव में विद्यार्थियों के परिजनों की जेबें ढीली हो रही है।

10 और 20 के स्टांप ही नहीं मिल रहे

जिले में 10 और 20 रुपए के स्टांप मिल ही नहीं रहे हैं। एमपीआईजीआर नाम की जिस वेबसाइड से स्टांप निलकते हैं उसमें 10 और 20 रुपए के स्टांप का ऑप्शन ही नहीं है। इस कारण ऑनलाइन वेबसाइड से 10-20 रुपए के स्टांप निकल ही नहीं रहे। उधर मेन्यूल स्टांप में भी 10 और 20 रुपए के स्टांप कन्नौद में महीनों से नहीं आ रहे। जिला कोषालय से सिर्फ 50 व 100 रुपए के मेन्यूअल स्टांप ही मिल रहे हैं। दस और बीस के स्टांप नहीं मिलने से लोगों को मजबूरी में 50 और 100 के स्टांप लगाने पड़ते हैं, इससे लोगों को अतिरिक्त भार पड़ रहा है।

10 की जगह लगाना पड़ रहा 50 का स्टांप

सूचना का अधिकार अधिनियम के अलावा कई तरह के दस्तावेजों में 10 रुपए का स्टांप लगता है, लेकिन जिले में यह स्टांप कहीं भी नहीं है। ऐसे में 10 रुपए की जगह लोग 20 50 रुपए वाला स्टांप तलाशते हैं, लेकिन वह भी महीनों से नहीं आया। अंत में परेशान होकर लोग 100 रुपए वाला स्टांप लगा रहे हैं। इससे सरकार को जरूर फायदा हो रहा है, लेकिन लोग अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं।

अब 60 रुपए खर्चने होंगे

10 रुपए का स्टाम्प की आवक कम हो गई है। वहीं अब 20 रुपए के स्टाम्प में भी संकट छा गया है। सिविल कोर्ट में एक छात्र के परिजन ने बताया कि 10 रुपए का स्टाम्प के खत्म होने से 20 रुपए का स्टाम्प को 30 रुपए में स्टाम्प विक्रेताओं से खरीदना पड़ रहा है। 10 रुपए का स्टाम्प 15 रुपए में मिलता था जिसमें लोगों को 30 रुपए चुकाना पड़ रहा है। अब 30 की जगह लोगों को 60 रुपए चुकाना पड़ेगा। टे्रजरी से मिली जानकारी के मुताबिक 20 रुपए का स्टाम्प की आपूर्ति कम हुई है।ई-स्टांप की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही नगर में छोटे स्टांप की कमी आ गई है। लोगों को न तो तहसील में स्टांप मिल रहे हैं और न ही वेंडर के पास उपलब्ध हैं। यही हाल पोस्टल आर्डर के भी हैं। डाकघर में पोस्टल आर्डर का हर समय टोटा बना रहता है। ऐसे में लोगों को शपथ पत्र समेत अन्य जरूरी काम के लिए परेशान होना पड़ रहा है। रोज लोग स्टांप लेने तहसील कार्यालय आ रहे हैं। यहां आने के बाद उन्हें पता चलता है कि स्टांप नहीं मिल रहे हैं। इस वजह से उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। आमतौर पर लोग सूचना का अधिकार के तहत जानकारी लेने के लिए 10 रुपए के स्टांप का प्रयोग करते हैं। स्टांप के अभाव में वह अपना आवेदन संबंधित कार्यालय में नहीं लगा पा रहे हैं। यह समस्या ट्रेजरी ऑफिस से स्टांप नहीं मिलने की वजह से स्टांप वेंडर को उठाना पड़ रही है।

ई-स्टांप लेने जाते हैं तो प्रोवाइडर भी नहीं देते

व्यक्ति को सर्विस प्रोवाइडर के पास जाना पड़ता है, लेकिन यहां भी उनको छोटे स्टांप नहीं मिल पाते हैं। प्रोवाइडर द्वारा उन्हें 50 रुपए से कम के ई-स्टांप नहीं निकलने की जानकारी दी जाती है। वहीं स्टांप निकालने में आने वाली परेशानी से भी अवगत कराया जाता है। जिसे सुनकर संबंधित व्यक्ति को स्टांप से जुड़े काम को टालना पड़ता है। यह लोगों के लिए परेशानी भरा रहता है। हालांकि सरकार ने लोगों को सहूलियत देने के लिए ई स्टांप व्यवस्था की है, लेकिन अब यह योजना प्रदेश के लोगों के लिए परेशानी साबित हो रही है। खास बात यह है कि प्रशासनिक अफसर भी लोगों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

इनका कहना है

अभी मैं देवास में हूं देवास और कन्नौद के दोनों चार्ज मेरे पास है। कन्नौद में देवास से स्टांप आते हैं। लेकिन अभी देवास में ही स्टांप नहीं है।हमने उज्जैन से स्टांप मंगाए हैं। शीघ्र एक-दो दिन में समस्या का निराकरण कर दिया जाएगा ।

सत्यनारायण शर्मा
उपकोषालय अधिकारी
कन्नौद उप संभाग कन्नौद जिला देवास

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