बड़नगर (उज्जैन)। समीपस्थ गांव पीपली में शुक्रवार शाम करंट से युवक की मौत के बाद शव को अंधविश्वास के चलते परिजन ने जमीन में गाड़ दिया था। उनका विश्वास था कि ऐसा करने से युवक जिंदा हो जाएगा। हालांकि देर रात पुलिस और कुछ ग्रामीणों की समझाइश के बाद शव बाहर निकाल लिया गया। शनिवार सुबह पोस्टमार्टम कर शव परिजन को सौंप दिया गया।
पुलिस के अनुसार गांव में शाम करीब 4.30 बजे हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा था। इस दौरान बवंडर उठा और हड़कंप मच गया, तभी 20 वर्षीय दीपक यादव पर 11 केवी लाइन का विद्युत तार गिर गया। वह करंट से बुरी तरह झुलस गया। उसे बड़नगर के अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव को पीपली के दि बॉक्स ऑफिस सिनेमा के सामने ले गए और शव का मुंह बाहर रखकर शेष हिस्सा जमीन में गाड़ दिया। ऊपर से पानी और नमक छिड़क दिया गया।
चालीस साल पहले जिंदा हो चुका रमेश… इसलिए अब उसका नाम करंट
ग्रामीणों का कहना था कि ऐसा करने से युवक फिर जिंदा हो जाएगा। गांव में चालीस साल पहले भी करंट लगने से सांस रुक जाने के बाद रमेश पाटीदार जिंदा हो चुका है। वह आज तक जीवित है। उसे अब रमेश करंट के नाम से जाना जाता है।
इधर, जानकारी मिलने पर टीआई दिनेश प्रजापति मौके पर पहुंचे और परिजन को समझाइश दी। इसके बाद रात करीब 2.30 बजे शव बाहर निकाला गया। शनिवार सुबह पीएम के बाद गांव पीपलु में अंतिम संस्कर कर दिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि दीपक होनहार था। वह पढ़ाई के साथ ही खेल में भी अग्रणी था। वह इंदौर में पीएससी की तैयारी कर रहा था।