योजनाओं में हुई अनियमितताएं घोरलापरवाही काले पीले की होगी जांच-अरुण यादव
खंडवा!! करीब डेढ सौ करोड से आकार ले गयी खंडवा का नर्मदा जलापूर्ति की योजना मे जमकर पलीता लगाया है। बीते हफ्ते योजना की राईजिग पाईप लाईन दो बार फूट गई , जिससे दो तीन दिनो तक नगर जलसंकट की चपेट में रहा।लोकसभा चुनाव के चलते नर्मदा जल योजना में हुए भष्ट्चार का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ता जा रहा है।भीषण गर्मी के मौसम में बून्द बून्द पानी को तरस रहे लोगो को 150 करोड़ रु की नर्मदा जल योजना से कोई आस नही रह गई है। पिछले छह साल में सैकड़ो बार फुट गई नर्मदा की पाइप लाइन अब भाजपा नेताओं के गले की हडडी हो गयी है। योजना में हुए भ्रष्टाचार को कांग्रेस मुख्य मुद्दा बनाने पर तुली है तो भाजपा नेता बचाव की मुद्रा में है। कांग्रेस उम्मीदवार अरुण यादव ने यह कहकर और हलचल मच दी कि चुनाव के बाद इस योजना में हुए सारे काले पिले कामों की जांच कराई जायोगी। यूपीए सरकार मे केन्द्र प्रवर्तित इस योजना को स्वीकृति मिली लेकिन भाजपा नेतृत्व की नगर निगम ने जल के निजिकरण के खातिर योजना को पीपीपी मोड के हवाले की हेदा्राबाद की विश्वा कम्पनी के सुपुर्द कर दी जो निर्धारित समय से दुगना समय बीतने पर योजना निष्फल के दायरे में खडी है, जिससे नगर वासियो को आये दिन जलसंकट से दो चार होना पड रहा है। पानी की कमी नही है लेकिन 42 किलोमीटर की राइईजिंग पाईप लाईन में पाईप स्वीकृत प्रारूप के बदलकर घाटिया डाले गये ! जिससे पूरी योजना को पलीता लगा गया है। मिली जानकारी से आज हालात यह है कि नर्मदा जल योजना कागजों पर तो शुरू हो गई लेकिन हकीकत में आज तक भी लोगों को न तो शुद्ध और न ही पर्याप्त पानी मिला। बार बार पाइप लाइन फुटने के कारण चार -पांच दिनों तक पानी नही मिलता। ऊपर से नगर निगम इस योजना के नए कनेक्शन लेने का दबाव बना रहा है। जिनके पास पेट भरने की चुनोती है, वह काम धंधा छोड़ पानी का इन्तजार कर रहे है। वार्ड वार्ड देखा जा सकता है ,कि किस तरह परिवहन कर पानी के टैंकर आते ही लोग पानी के लिए टूट पड़ते है।बताते है कि खंडवा में पीने के पानी की समस्या से मुक्ति पाने के लिए 2009 में नर्मदा जल योजना स्वीकृत हुई थी। मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल में इस योजना के लिए के लिए केंद्र सरकार ने 127 करोड रुपए मंजूर किए थे। तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार ने इस योजना को पीपीपी मोड में शामिल करते हुए इसका निजीकरण कर दिया। निजी कंपनी के हाथों में जाते ही इस योजना में टेंडर शर्तों का उल्लंघन शुरू हो गया। और भ्रष्टाचार का खेल शुरू हुआ। सबसे पहले कास्ट आयरन पाइप के बदले प्लास्टिक के पाइप डालने का खेल शुरू हुआ। खूब आंदोलन भी हुए लेकिन नगर निगम से लेकर राज्य और केंद्र तक भाजपा शासित सत्ता होने के कारण कोई सुनवाई नही हुई।
इनका कहना
नगर निगम के नवागत आयुक्त को पिछला इतिहास मालूम नही, इसीलिए कह गए कि प्लास्टिक पाइप लाइन है आयरन की होती तो नही फूटती। फिर भी उन्होंने लाइन फूटने की आड़ में अपना बचाव करते हुए जल्दी ही पानी की सप्लाई शुरू करने की बात कही।
हिमांशु सिंह, आयुक्त नगर निगम खंडवा
यह बोले
कमलनाथ सरकार में कृषि मंत्री सचिन यादव और लोकसभा में उम्मीदवार उनके भाई अरुण यादव ने खुलकर नर्मदा जल में हुए भ्रष्टाचार पर जांच करने और कार्रवाई करने की बात कही। कागेस लोकसभा प्रत्याशी अरुण यादव ने तो यहां तक कहा कि चुनाव के बाद इस योजना के में हुए भ्रष्टाचार के सारे काले पीले काम सामने आ जाएंग
कांग्रेस नेता अरूण यादव ने कहा कि खंडवा की नर्मदा जल योजना निजी हाथों में जाने वाली प्रदेश की पहली योजना थी । लोएस्ट टेंडर के माध्यम से विश्वा यूटिलिटी प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद ने इस योजना पर काम शुरू किया । कास्ट आयरन पाइप की जगह प्लास्टिक के पाइप डाले। इस योजना में पानी के मीटर लगा कर राशि वसूल करनी थी लेकिन बाद में राज्य शासन के हस्तक्षेप के बाद मीटर के स्थान पर फ्लैट रेट पर पानी उपलब्ध कराने की बात तय हुई । पिछले साल से नर्मदा जल योजना से खंडवा शहर में पानी सप्लाई करने का काम शुरू हुआ । लेकिन बार-बार पाइप फूटने की वजह से यह नियमित पानी सप्लाई करने में पूरी तरह फेल हो गई । विधानसभा चुनाव के पहले भी यह मुद्दा खूब गर्मया था! लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पानी के मीटर नहीं लगाने की बात कहते हुए लोगों को शांत कर दिया था । लेकिन अब इस योजना में हुए भ्रष्टाचार की बातें उठाने लगी है ,और कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया
वर्तमान भाजपा सांसद चौहान ने रखा अपना पक्ष रखा खंडवा के लोगों को उम्मीद थी की नर्मदा जल योजना से उन्हें ना केवल शुद्ध पानी मिलेगा ! बल्कि पर्याप्त पानी भी मिलेगा क्योंकि इस योजना में दावे भी यही किए गए थे। लेकिन ऐसा हो नहीं सका । खंडवा नगर निगम पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे । पिछले 20 सालों से खंडवा नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी की परिषद का पूर्ण बहुमत है । राज्य में भी भाजपा की सरकार होने की वजह से कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। अब इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में उतरे भाजपा के प्रत्याशी और वर्तमान सांसद नंदकुमार सिंह चौहान को भुगतान पड़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी नंदकुमार सिंह चौहान बचाव की मुद्रा में है ,और यही कहते नजर आ रहे हैं ,कि पाइपलाइन फूट गई थी जल्दी ही लोगों को पानी मिल जाए यही हमारी प्राथमिकता है।