भोपाल। किसान कर्जमाफी योजना, कार्यकर्ता सम्मेलन, बूथ लेवल प्रशिक्षण से लेकर मेल मुलाकात के कई आयोजन खण्डवा लोकसभा क्षेत्र में जारी हैं। नाम ऐलान होने से पहले ही सक्रियता से लगे कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव ने अधिकृत घोषणा के बाद अपनी गतिविधियों को और तेज कर दिया है। वे अपनी लोकसभा के सभी जिलों में पहुँच बनाकर अपनी जीत को पुख्ता करने में जुट गए हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव खण्डवा लोकसभा के कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिये गए हैं। बुधवार को हुए इस ऐलान के बाद वे गुरुवार से तीन दिन के सघन दौरे पर निकल रहे हैं। इन तीन दिनों में वे देवास जिले के बागली से अपने कार्यक्रमों की शुरुआत करेंगे। इस दौरान वे सुन्दरैल, बदावा, बैडग़ांव, खल, मेहंदुल, रेहमानपुरा, डांगराखेड़ा, मेहसुन, लोहरदा, पुंजपुरा, खण्डवा, बुरहानपुर समेत दर्जनों गांवों में पहुँच कर विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
नन्दू से मुकाबला लग रहा आसान
अरुण यादव के मुकाबले भाजपा ने अपने प्रत्याशी के तौर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा सांसद नन्दकुमार सिंह चौहान को मैदान में उतारा है। क्षेत्र में चौहान के पिछले कार्यकाल को लेकर मतदाताओं की नाराजगी और अरुण यादव की सक्रियता से इस चुनाव में यादव को अपनी जीत आसान महसूस हो रही है।
कई मंत्रियों का सपोर्ट
अरुण यादव के अनुज सचिन यादव प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री हैं। वे अपने बड़े भाई के चुनावी दौरों में पहले से ही सक्रिय भूमिका में मौजूद हैं। इसके अलावा गृह मंत्री बाला बच्चन, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट भी यादव के लिए क्षेत्र में सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा मालवा-निमाड़ से ताल्लुक रखने वाले बड़े नेता भी अरुण यादव की जीत के लिए कोशिशों में लगे हुए हैं।
मुस्लिम वोटर होंगे निर्णायक
सूत्रों का कहना है कि खण्डवा लोकसभा क्षेत्र में करीब ढाई लाख मुस्लिम मतदाता मौजूद हैं। इनमें बुरहानपुर, खण्डवा, खरगोन की विधानसभाओं को मुस्लिम बाहुल्य माना जाता है। कहा जाता है इन क्षेत्रों में उस प्रत्याशी की जीत पक्की मानी जाती है, जिन्हें मुस्लिम मतों का समर्थन मिल जाए। इस समीकरण को सामने रखते हुए जहां अरुण यादव मुस्लिम समुदाय के करीब पहुँच बना रहे हैं, वहीं भाजपा प्रत्याशी नन्द कुमार सिंह चौहान को भी अपने रसूख और पहुँच से मुस्लिम समर्थन मिलने की उम्मीद बंधी हुई है।
खतरे दोनों के सामने
खण्डवा लोकसभा के भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार अपने ही दल के नेताओं के असहयोग से घिरे हुए नजर आ रहे हैं। इस सियासी अदावत से दोनों को नुकसान होने का खतरा सता रहा है। जहां नन्दकुमार के लिए पूर्व मंत्री और क्षेत्रीय नेत्री अर्चना चिटनीस असहयोग का झंडा उठाए खड़ी हुई हैं तो अरुण यादव को निर्दलीय विधायक बने उनकी पार्टी के ही नेता सुरेंद्र सिंह शेरा ने अपनी पत्नी के लिए टिकट मांगकर बगावत का स्वर छेड़ रखे हैं।