पुरुषों में प्रोस्टेट ग्लैंड का स्वस्थ्य रहना सबसे जरूरी होता है। प्रोस्टेट ग्लैंड की साइज सही रहे और प्रोस्टेट ग्लैंड स्वस्थ्य रहे इसके लिए विशेष ध्यान रखना पड़ता है। हाल के वर्षों में प्रोस्टेट ग्लैंड की कई बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। प्रोस्टेट ग्लैंड का पुरुषों के स्वास्थ्य में मुख्य भूमिका निभाता है। प्रोस्टेटिटिस, बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया और प्रोस्टेट कैंसर जैसी बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं।
प्रोस्टेट कैंसर की बीमारी भारत के पुरुषों में सबसे ज्यादा होती है।
प्रोस्टेट ग्लैंड क्या है ?
प्रोस्टेट ग्लैंड पुरुषों में पाई जाने वाली एक ग्रंथि है, जो वास्तव में कई छोटी ग्रंथियों से मिलकर बनी होती है। यह ग्रंथि पेशाब के रास्ते को घेर कर रखती है और उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट ग्रंथि के ऊतकों में गैर-नुकसानदेह ग्रंथिकाएं विकसित हो जाती है। जिसके कारण धीरे-धीरे ग्रंथि के आकार में वृद्धि होने लगती है, और समस्या तब उत्पन्न होती है जब प्रोस्टेट का आकार इतना बढ़ जाता है कि मूत्रमार्ग पर दबाव पड़ने लगता है।
प्रोस्टेट ग्लैंड में परेशानी के कारण
प्रोस्टेट ग्लैंड में परेशानी के पीछे खराब डाइट और लाइफस्टाइल माना जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव कर इन गंभीर बीमारियों के होने से बचा जा सकता है। इंस्टीट्यूशन ऑफ कैंसर प्रिवेंशन के शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं की रोकथाम में अच्छी डाइट बड़ी भूमिका निभाती है। आइए जानते हैं 5 ऐसे फूड के बारे में जो प्रोटेट ग्लैंड को हेल्दी रखते हैं और कैंसर जैसी बीमारी से बचाते हैं।
फाइबर रिच फूड
डाइट एक्सपर्ट फाइबर रिच फूड्स को हेल्थी प्रोस्टेट ग्लैंड के लिए सबसे बेहतर मानते हैं। घुलनशील और अघुलनशील फाइबर प्रोस्टेट कोशिकाओं में कैंसर की गतिविधियों को रोकने में मदद करते हैं और पोलिप के गठन से भी बचाते हैं। पानी वाले फाइबर में फलों में सेब और खट्टे फल, सब्जियों में गाजर, आलू, सेम और मटर शामिल हैं। इसके अलावा इसमें ऑट्स और जौ भी हैं। अघुलनशील फाइबर में सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकोली, हरी बीन्स और फलों में स्ट्रॉबेरी, केले और नाशपाती शामिल है।
फल और सब्जियां
सभी चमकीले रंग के फल जैसे ब्लूबेरी, चेरी, तरबूज और अंगूर और सब्जियां जैसे टमाटर, गोभी में एंटीऑक्सीडेंट विटामिन (विटामिन ए और ई) के मुख्य स्त्रोत हैं जो प्रोस्टेटिटिस की बजह से होने वाले सेल्युलर परिवर्तन को रोकता है। एंटीऑक्सीडेंट प्रोस्टेट ग्लैंड में ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है। एक्सपर्ट के अनुसार हेल्थी प्रोस्टेट के लिए रोजाना चार से पांच फल और सब्जियां खानी चाहिए।
सी फूड
सैमन, मैकरेल, सार्डीन, ट्राउट और हेरिंग जैसी मछलियों ओमेगा फैटी एसिड पाया जाता है जो एंटी-इन्फ्लैमटोरी है। इनसे ना केवल प्रोस्टेटिटि में राहत मिलती है बल्कि प्रोस्टेट ऊत्तक में कैंसर के विकास को भी रोकते हैं।
नट और बीज
नट जैसे बादाम और अखरोट में सेलेनियम की मात्रा ज्यादा होती है जो प्रोस्टेट ग्लैंड से बचाते हैं। इसके अलावा इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रोस्टेट हेल्थ को बेहतर करते हैं। फ्लैक्स बीज में लिग्निन फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो कब्ज़ को खत्म करने का काम करते हैं। इसके अलावा ये ओमेगा 3 फैटी एसिड से पैदा होने वाले कणों को रोकते हैं। इनमें प्रोस्टेट कैंसर को रोकने के लिए फाइजोस्ट्रोजल भी पाया जाता है।
सोयाबीन प्रॉडक्ट
सोयाबीन के प्रॉडक्ट जैसे टोफू, टेम्पेह और सोया मिल्क प्रॉटीन के मुख्य स्त्रोत हैं। इसमें आइसोफ्लेवन कंटेट भी पाया जाता है। इसके केमिकल कंपाउंड पुरुषों के हार्मोन डिहाइड्रोटेस्ट्रोन के स्तर को कम करते हैं। इसके अलावा प्रोस्टेट को बढ़ने से रोककर उसे संतुलित करते हैं।