रूसा के तहत विश्वविद्यालयों को मिलने वाली ग्रांट के लिए 67 प्रतिशत रेगुलर शिक्षक होने की अनिवार्य शर्त हटा दी गई है। इसके चलते बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी को 20 करोड़ रुपए की ग्रांट मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
इस राशि से यूनिवर्सिटी छात्रों के लिहाज से इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में मदद मिलेगी। इसमें छात्रों के लिए कॉमन इंस्ट्रुमेंटल फेसिलिटी डेवलप करने का प्लान तैयार किया है। इसका न सिर्फ यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट के छात्र बल्कि संबद्ध कॉलेजों के छात्रों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। वे यहां पर रखे इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल कर विभिन्न प्रैक्टिकल, रिसर्च वर्क कर सकेंगे।
बीयू ने इस ग्रांट को लेने के लिए एक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर रूसा कार्यालय को भेज दी है। इसमें यूनिवर्सिटी कैंपस में नए कंस्ट्रक्शन, रिनोवेशन को मिलाकर डेवलपमेंट प्लान तैयार किया गया है। इसमें लाइब्रेरी को अपग्रेड करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें बुक्स के अलावा ई-रिसोर्स को बढावा दिया जाएगा। इसके अलावा अलग-अलग डिपार्टमेंट में पांच स्मार्ट क्लास रूम बनाना भी प्रस्तावित किया गया है।
बरकतुल्लाह के कुलपति प्रो.आरजे राव के अनुसार ग्रांट मिलने पर 67 प्रतिशत रेगुलर फैकल्टी नियुक्त होने की शर्त थी। इस शर्त को हटने के बाद अब अब 20 करोड़ की ग्रांट मिलने की मंजूरी मिली है। इसमें स्टूडेंट्स फेसिलिटी पर फोकस किया गया है। रूसा के दूसरे फेस के अंतर्गत यह ग्रांट मिलेगी। कुछ दिन पहले डीपीआर भी भेज दी गई है। उम्मीद है जल्द ही पहली किश्त प्राप्त हो जाएगी।