BJP minister fraud case: महाराष्ट्र के जलसंसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल पर 8 करोड़ के लोन घोटाले में FIR दर्ज हुई है. कोर्ट के आदेश पर यह केस दर्ज किया गया, जिसमें बैंक अफसरों और शुगर फैक्ट्री के डायरेक्टर्…और पढ़ें

महाराष्ट्र के अहमदनगर (अब अहील्यानगर) जिले में राज्य के जलसंसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल और 53 अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का केस दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर हुई है, जिसमें आरोप है कि इन्होंने 2004 से 2006 के बीच दो राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकारियों के साथ मिलकर 8 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन गलत तरीके से हासिल किया.
शुगर फैक्ट्री और बैंक अफसर भी फंसे
FIR में बीजेपी नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के अलावा ‘पद्मश्री विखे पाटिल सहकारी साखर कारखाना’ के उस समय के डायरेक्टर, चेयरमैन और संबंधित बैंकों के अधिकारी भी शामिल हैं. यह आरोप है कि इन सभी ने मिलकर कागज़ों में हेरफेर कर बैंक से लोन मंजूर करवाया और इस रकम का गलत इस्तेमाल किया गया.
कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई
यह मामला सीधे तौर पर कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुआ है. शिकायतकर्ताओं ने कोर्ट में याचिका दी थी कि सरकारी तंत्र और बैंक अधिकारी इस घोटाले में मिलीभगत कर रहे हैं और लोन को गलत दस्तावेजों के आधार पर पास कराया गया. कोर्ट ने जांच के आदेश दिए और इसके बाद FIR दर्ज की गई.
मंत्री की चुप्पी बनी सवाल
मामले में जब मीडिया ने जलसंसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन कॉल्स और मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया. उनकी चुप्पी ने सवाल खड़े कर दिए हैं और राजनीतिक हलकों में इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज हो गई है.
राजनीतिक घमासान शुरू
FIR के बाद विपक्षी दलों ने सरकार और बीजेपी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि जब सरकार में शामिल मंत्री ही बैंकों के साथ मिलकर जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग कर रहे हैं, तो आम जनता का भरोसा कैसे कायम रहेगा?
CBI या ED जांच की मांग
अब इस पूरे मामले को लेकर कुछ सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने CBI या ED से जांच कराने की मांग की है. उनका कहना है कि यह सिर्फ एक मंत्री का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में भ्रष्टाचार का मामला है जिसे पारदर्शी जांच की जरूरत है.