भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में मंत्रियों द्वारा दिए गए जवाब और सदन के बाहर दिए गए बयानों में अंतर का मामला सामने आने के बाद अब अफसरों द्वारा मंत्रियों के अनुमोदन बगैर जवाब सीधे विधानसभा को भेजे जाने की बात सामने आई।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इसे विशेषाधिकार हनन का मामला बताते हुए विधानसभा अध्यक्ष एन. पी. प्रजापति को पत्र लिखा है। विधानसभाध्यक्ष प्रजापति को गुरुवार को लिखा गया भार्गव का पत्र मीडिया को शुक्रवार को प्राप्त हुआ।
पत्र में नेता प्रतिपक्ष ने कहा है, “मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों के विभागों से संबंधित विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब सचिव व प्रमुख सचिवों द्वारा मंत्रियों के अनुमोदन बगैर सीधे विधानसभा में भेजे जाने का मामला सामने आया है।
विधानसभा की उत्तर पुस्तिका में मंत्रियों के नाम से जवाब का उल्लेख है। यह स्थिति अत्यंत आपत्तिजनक व असंवैधानिक है। यह अधिकारियों और मंत्रियों की कार्यप्रणाली पर और उनकी बौद्घिक व प्रशासनिक क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगाती है।”