मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा की :-
१) यह कोई प्रतिस्पर्धी फैसला नहीं है
२) गायों के साथ बुरे बर्ताव देखने को मिलता रहा है , गौशाला निर्माण पहले से ही से एजेंडा में था
दिये ए आलोचनाओं के जवाब
ज्ञात हो की मध्य प्रदेश सरकार को गोहत्या के आरोपियों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा है। दूसरी पार्टियों के नेताओं के साथ ही कांग्रेस पार्टी के अपने ही नेताओं की आलोचना का भी सामना करना पड़ा है!

गोहत्या के मामले में रासुका लगाने के बाद अपनी ही पार्टी के नेताओं की आलोचना झेल रहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने कहा है कि ” सभी जानते हैं कि गौशालाओं का निर्माण कांग्रेस की एक चुनाव पूर्व योजना थी. मुझे यह समझ में नहीं आता कि मवेशियों के लिए छत का निर्माण प्रतिगामी कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में गौशाला का निर्माण हमारे घोषणा-पत्र का हिस्सा नहीं था, लेकिन बाद में इसे शामिल किया गया. एक रैली में मैंने देखा कि कैसे गायों के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है. मेरे लिए यह परेशान करने वाला दृश्य था और इसलिए मैंने अपने घोषणा-पत्र के जारी होने के तीन महीने पहले इसकी घोषणा की.” उन्होंने आगे कहा की “यह कोई चुनाव पूर्व की योजना नहीं थी, क्योंकि एक पार्टी के नाते हम मवेशी राजनीति में विश्वास नहीं करते हैं. एक देश में जहां गायों को इतना ज्यादा सम्मान दिया जाता है, मैं उनकी रक्षा करने में विश्वास करता हूं और सभी पंचायतों में गौशाला का निर्माण करना महत्वपूर्ण है!“
इस खबर पर मध्यप्रदेश कांग्रेस सरकार को घेरते हुए श्री पी. चिदंबरम ने गौ हत्या पर रासुका के फैसले हो गलत ठहराया था जिसके बाद राष्ट्रीय राजनीती में यह खबर मुद्दा बन गई और पार्टी के विरोध में सोशल मीडिया में कांग्रेस पार्टी को अल्प्संक्यक विरोधी बताते हुए कई मैसेज भी वायरल हुए , इन सभी आलोचनाओं को पूर्ण विराम लगाने हेतु मुख्यमंत्री ने यह भाषण दिया , इस समय लोकसभा चुनाव को नज़र में रखते हुए सभी पार्टियां अपने अपने वोटबैंक को रिझाने के लिए अलग अलग मुद्दों को प्राथमिकता दे रही हैं