आलीराजपुर। जिला चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद गुजरात के बड़ोदा रैफर की गई 30 वर्षीय गर्भवती महिला मोहबाई की रास्ते मे मोत हो गई। मृतक महिला के पेट मे 9 माह का बच्चा था। महिला के पति ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर की लापरवाही से उसकी पत्नी की मौत हुई है। मृतक महिला के दो छोटे छोटे बच्चे भी है। दरअसल मामला कुछ इस प्रकार है की आलीराजपुर जिले के ग्राम खरखड़ी निवासी रमेश अपनी गर्भवती पत्नी मोहबाई को ईलाज के लिए कल दोपहर 2 बजे जिला चिकित्सालय में लेकर आया था। जहाँ महिला डॉक्टर दामिनी पटेल ने महिला की हालात ज्यादा खराब होते देख प्राथमिक उपचार कर 108 वाहन के माध्यम से गुजरात के बड़ौदा के लिए रेफर कर दिया। किन्तु बड़ोदा पहुचने से पहले ही 4 बजे के करीब रास्ते मे महिला की मौत हो गई। 7 बजे करीब मृतक महिला का शव लेकर परिजन जिला चिकित्सालय पहुँचे। तो अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने बिना पीएम कीये ही शव को घर ले जाने की अनुमति दे दी । परिजन महिला के शव को लेकर घर चल दिये। सुबह शव को पुनः जिला चिकित्सालय पीएम के लिए बुलवाया गया। जहाँ डॉक्टरों की टीम ने पुलिस की मौजूदगी में मृतक महिला का पीएम किया गया।
क्या कहती है डाॅक्टर
डॉक्टर दामिनी पटेल ने बताया कि महिला को ब्लीडिंग हो रही थी। पेसेंट ठीक थी महिला को हायर सेंटर ट्रीटमेंट की जरूरत थी। जितना जल्दी हो सके बड़े अस्पताल भेजने की व्यवस्था कर दी गई थी।
दामिनी पटेल, डाॅक्टर
आखिर सवाल यह उठता है की सरकार स्वास्थ सेवाओ के नाम पर करोडो खर्च कर रही है। बावजूद इसके जिला चिकित्सालय के हालात जस के तस हैं।
कई सवाल जिनका जवाब कौन देगा
1. जब महिला को ब्लीडिंग हो रही थी तो इतनी दूर अस्पताल रेफर करने की क्या आवश्यकता थी?
2.महिला की मौत के बाद जब परिजन उसे अस्पताल लेकर आए तो बिना पोस्टमार्टम के महिला के शव को घर ले जाने की इजाजत कैसे दे दी गई ?
3.क्या कारण के दूसरे दिन डॉक्टरों ने शव को वापस बुलवाकर पीएम किया ?
इस तरह के कई सवाल है जिनका जवाब जिम्मेदारों को देना चाहिए। और इस पुरे घटनाक्रम पर संज्ञान लेकर जांच करवाकर दोषी पर कानूनी कार्रवाई की जाना चाहिए।