Madhya Pradesh

विधानसभा चुनाव में निष्काषित कांग्रेस नेताओं की हुई कांग्रेस में पुनः वापसी

बालाघाट।मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्काषित किए गए जिला व ब्लॉक संगठन के आधा दर्जन पदाधिकारीयो का निष्काषन रदद् करते हुए उन्हें पुनः कांग्रेस में शामिल कर लिया है।मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालाघाट एवं कैबिनेट मंत्री प्रदीप जायसवाल को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है।गौरतलब है कि कुछ माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में जिले की वारासिवनी विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकिट के प्रबल दावेदार व तीन बार विधायक रह चुके प्रदीप गुड्डा जायसवाल की जगह महज कुछ दिनों पहले बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मसानी को प्रत्याशी बनाया गया था।स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओ में पार्टी आलाकमान के इस निर्णय को लेकर गहरी नाराजगी थी।बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओ के साथ-साथ पार्टी के जिला व ब्लॉक संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर काबिज नेताओ ने भी पार्टी के इस फैसले का विरोध करते हुए पार्टी आलाकमान को इस निर्णय पर पुनः विचार करने के लिए भरसक प्रयास किए थे।लेकिन पार्टी आलाकमान द्वारा इस ओर ध्यान नही दिया गया।जिसके चलते जिले में कांग्रेस की जड़े गहरी और मजबूत करने वाले दिग्गज नेता प्रदीप गुड्डा जायसवाल को निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा।फलस्वरूप कांग्रेस के कई स्थानीय नेताओ ने पार्टी के इस निर्णय के विरोध में जाकर निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप गुड्डा जायसवाल का साथ दिया।जिसके चलते विधानसभा चुनाव के दौरान ही मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रदीप गुड्डा जायसवाल का साथ दे रहे जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शैलेन्द्र तिवारी,आनंद बिसेन,ब्लॉक कांग्रेस कमेटी वारासिवनी के अध्यक्ष भोजेश पटले,खैरलांजी कांग्रेस अध्यक्ष गोकुल प्रसाद गौतम,वारासिवनी जनपद अध्यक्ष चिंतामन नगपुरे,ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष डोंगरमाली कोमल लिल्हारे,ब्लॉक कांग्रेस वारासिवनी के उपाध्यक्ष दाऊद मंसूरी इन सभी को पार्टी से निष्काषित कर दिया था।पार्टी द्वारा निष्काषित किए जाने के बाद भी इन सभी पदाधिकारियों ने वारासिवनी में कांग्रेस पार्टी व विचारधारा को जिंदा रखने के लिए चुनाव लड़ रहे प्रदीप गुड्डा जायसवाल का साथ नही छोड़ा
आखिरकार निष्ठावान साथियो, कार्यकर्ताओ की मेहनत व आम जनता के आशीर्वाद से निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप गुड्डा जायसवाल ने न केवल विधानसभा चुनाव में जीत का परचम लहराया।बल्कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को समर्थन देकर कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।और कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण का परिचय भी दिया।वही कांग्रेस आलाकमान द्वारा उनकी जगह कुछ दिनों पूर्व ही भाजपा को छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले संजय सिंह मसानी को प्रत्याशी बनाए जाने के निर्णय को भी पूरी तरह गलत साबित कर दिया।गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में वारासिवनी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अपनी जमानत तक नही बचा सके थे।फिलहाल निष्काषित पदाधिकारियों की कांग्रेस में पुनः वापसी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी और उत्साह का माहौल है।

इनका कहना है:-
प्रदेश संगठन द्वारा पुनः पार्टी में शामिल किए जाने पर हम सभी माननीय कमलनाथ जी व गुड्डा भैया के आभारी है।विधानसभा चुनाव में वारासिवनी से कांग्रेस को खत्म करने की भाजपा द्वारा जो चाल चली गई थी।हमने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए जीत दर्ज कर उसे विफल कर दिया।विषम परिस्थितयो में भी हम कांग्रेस की विचारधारा से कभी अलग नही हुए।पार्टी के इस निर्णय से असली और नकली कांग्रेस की पहचान हुई है।

 

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