Education Latest News

शिक्षा से ऐसा प्रेम कि घर से पलायन कर गुजरात गए परिवार को वापस ले आई जमुना

आलीराजपुर। आलीराजपुर जिले के गांव चिचलगुड़ा के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली जमुना का परिवार रोजगार की तलाश में पलायन कर गुजरात चला गया था। उसे अपनी पढ़ाई का सपना टूटता नजर आया, लेकिन उसने आस नहीं छोड़ी। वह अपने परिवार को मनाती रही। आखिर जमुना का परिवार घर लौट आया। और इस साल उसने 9 वीं कक्षा की परीक्षा दी। यही नहीं आठवीं में अच्छे नंबर आने पर मिली सरकारी साइकिल अब उसकी पक्की सहेली है। इसी से वह स्कूल और घर के रास्ते में आने वाले गांव के बच्चों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

आस-पास के गांव में बच्चों को कर रही स्कूल जाने के लिए प्रेरित

जमुना बताती है कि घर चलाना मुश्किल हो गया था इसलिए उसके माता-पिता गुजरात चले गए थे। ऐसे में उसकी पढ़ाई पूरी तरह छूट गई। उसने घर वालों को मनाया। इसके बाद वह लगातार घरवालों को मनाने में लगी रही। आखिरकार घर वालों को उसकी जिद आगे झुकना पड़ा। और उसे गांव में ही उसकी दादी के पास छोड़ दिया गया। साल भर बाद अब उसका परिवार भी वापस आ चुका है।

प्राचार्य एवं टीचर्स की भी अहम भूमिका

चिचलगुडा़ स्कूल के प्राचार्य एवं टीचरों का भी जमुना की स्कुल वापसी ओर पढ़ाई में अहम योगदान रहा। चिचलगुडा़ स्कूल के टीचर विनय तंवर और और सुनीता डुडवा को जब पता चला कि जमुना स्कूल नहीं आ रही है। तो उन्होंने उसके गांव जाकर पूछताछ की। त्योहार पर जमुना का परिवार गांव आया तो प्रिंसिपल सुभाष वाघेला एवं शिक्षकों ने उन्हें समझाइश दी की, बच्ची को स्कूल और उसकी पढ़ाई से दूर ना करें। आपकी बच्ची पढ़ाई में होनहार है। अगर वह पढ़ाई करेंगी तो आगे चलकर अच्छे पद पर पहुंच सकती है। स्कूल के प्राचार्य और शिक्षकों की समझाइश का जमुना के माता-पिता पर गहरा असर हुआ। जिसके बाद उन्होंने जमुना को अपने साथ में न ले जाकर घर पर ही पढ़ाई के लिए उसकी दादी के पास छोड़ दिया।

क्या कहती है जमुना

मैं घर वापस जाते वक्त रोज आधे घंटे के लिए रास्ते के किसी गांव में रुककर लोगों को पढ़ने के लिए समझाती हूं। मैं बड़ी होकर मैडम बनना चाहती हूं। अब तो परिवार भी साथ दे रहा है। घर वाले कहते हैं कि सर मैडम लोग अपनी इतनी मदद कर रहे हैं और तुम अच्छा पढ़ती हो तो खूब पढ़ो।

जमुना पचाया, छात्रा

Please follow and like us:
Pin Share

Leave a Reply