भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भले ही उत्तर प्रदेश में 80 में से 74 सीटें जीतने का दावा कर रहा हो. लेकिन जमीनी हालातों ने स्थानीय नेताओं की नींद उड़ा रखी है. एसपी-बीएसपी गठबंधन बनने के बाद चुनावी रैलियों में कम होती भीड़ ने उत्तर प्रदेश बीजेपी के बड़े नेताओं को परेशान कर रहा है. ऐसा ही कुछ शनिवार को आजमगढ़ में उस वक्त हुआ, जब बीजेपी की चुनावी रैली में भीड़ नहीं जुटी और खाली कुर्सियां देखकर मौजूदा सांसद और उम्मीदवार नीलम सोनकर रो पड़ी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीलम सोनकर ने रूमाल निकालकर अपने आंसू पोंछे और पानी पीकर खुद को संभालने की कोशिश की. हैरानी की बात ये रही कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय भी मंच पर मौजूद थे, फिर भी सभा में भीड़ नहीं जुटाई जा सकी.
क्या है पूरा मामला?
शनिवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और यूपी सरकार के मंत्री दारा सिंह चौहान समेत बीजेपी के कई बड़े नेता लालगंज लोकसभा सीट से उम्मीदवार नीलम सोनकर के लिए वोट मांगने पहुंचे थे.
इस चुनावी सभा के लिए पिछले कई दिनों से तैयारियां की जा रहीं थी. चुनावी रैली में भीड़ जुटाने के लिए ब्लॉक और गांव स्तर पर संपर्क अभियान भी चलाया था. लेकिन रैली के दिन जनसभा में भीड़ नहीं जुटाई जा सकी. खाली कुर्सियां देखकर बीजेपी नेताओं के होश उड़ गए.
सभा में खाली कुर्सियां देख रो पड़ीं मौजूदा सांसद
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो कम से कम हजार लोगों की भीड़ को ध्यान में रखकर लगाए गए पांडाल में केवल 150-200 लोग की नजर आए. बताया जा रहा है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय आखिर तक जनता के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन लोग नहीं आए.
उधर, लालगंज सीट से जीत दोहराने का सोच रहीं, मौजूदा सांसद और उम्मीदवार नीलम सोनकर अपने आप को नहीं संभाल सकीं और खाली कुर्सियां देखकर वह मंच पर ही रो पड़ीं.
बता दें कि एसपी-बीएसपी गठबंधन में ये सीट बीएसपी के हिस्से आई है. बीएसपी ने इस सीट से संगीता आजाद को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर छठे चरण में 12 मई को वोटिंग होनी है.