भले ही अमरीका द्वारा अपनी शर्तें थोपने की वजह से ईरान और अमेरिका के रिश्ते खराब चल रहे हों परन्तु ईरान ने इस विवाद के बीच में कहा है की भारत हमारा दोस्त है, ज्ञात हो की भारत ईरान से तेल निर्यात करता है परन्तु भारत के लिए अमेरिका से रिश्ते हमेशा ही सर्वप्रिय रहे हैं । ईरान ने मंगलवार को कहा कि तेल आयात के मुद्दे पर भारत अपने राष्ट्रहित में फैसला करेगा। वह भारत की ऊर्जा की सुरक्षा के लिए संरक्षक की भूमिका निभा सकता है। भारत में ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने कहा, उनका देश भारत को सुगम और सुरक्षित ऊर्जा की आपूर्ति करने के लिए तैयार है।
‘ईरान ही भारत की जरूरतों को पूरा कर सकता है’
ईरान का यह बयान इस वक्त काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि हाल ही में भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भरोसा दिलाया था कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यूएस तेल की आपूर्ति के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। पोम्पियो ने कहा था कि भारत को ईरान के साथ तेल का आयात कम करने के लिए कड़े फैसले लेने पड़े हैं।
चेगेनी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान का भी हवाला दिया, जो उन्होंने पोम्पियो के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया था। उन्होंने कहा कि अगर जयशंकर ऊर्जा की रियायत, सुगमता और सुरक्षा की बात करते हैं, तो केवल ईरान ही भारत की जरूरतों को पूरा कर सकता है।
भारत-ईरान सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान चेगेनी ने कहा, हम एक दोस्त से उम्मीद करते हैं कि एक-दूसरे को समझें और देशहित को सर्वोपरि माने। ईरान भारत की ऊर्जा संरक्षक की भूमिका निभाने को तैयार है।
चेगेनी ने कहा, हो सकता है कि भारत तेल का आयात रोक दे। लेकिन ईरान को भारत से कोई नकारात्मक संकेत नहीं मिले, जिससे यह साफ हो सके कि आगे क्या स्थिति होगी।
उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि भारत दवाब में है लेकिन भारत ईरान का दोस्त है। भारत का अन्य देशों के साथ संबंध हमें प्रभावित नहीं करेगा। भारत के साथ हमारा संबंध इतिहास पर आधारित है, यह संबंध दीर्घकालीन आपसी हितों और फायदे पर आधारित है।
चाबहार बंदरगाह परियोजना के अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत न आने के बावजूद इसके प्रभावित होने की संभावनाओं पर चेगेनी ने कहा कि यह अमेरिका के ढोंग को दर्शाता है। वह कहता कुछ है और करता कुछ है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका इस परियोजना पर अप्रत्यक्ष रूप से बाधा डाल रहा है।