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एक मंत्री पद हिस्से में आने से जदयू प्रमुख नीतीश कुमार खुश नहीं। दिल्ली से पटना वापसी पे कहा के अनुपात के हिसाब से भागीदारी मिलनी चाहिए।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को दिल्ली से पटना लौटे और काफी नाराज़ से लगे, उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के प्रस्ताव से जदयू सहमत नहीं। पार्टियों को अनुपात के हिसाब से मंत्रिमंडल में भागीदारी मिलनी चाहिए। सांकेतिक प्रतिनिधित्व की जरूरत नहीं। हालांकि, उन्होंने भाजपा से नाराजगी की बात को खारिज किया।
नीतीश ने कहा कि बिहार में हम साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर इसका कोई असर नहीं होगा।
नीतीश ने कहा कि अमित शाह के बुलाने पर मैं उनसे मिलने दिल्ली गया था। उन्होंने कहा कि हम एनडीए के घटक दलों को एक-एक मंत्री पद दे रहे हैं। इस पर मैंने कहा कि मंत्रिमंडल में सांकेतिक प्रतिनिधित्व की जरूरत नहीं है। जदयू के सभी सांसदों ने इस पर सहमति जताई। जदयू के लोकसभा में 16 सांसद और राज्यसभा में 6 सांसद हैं। गठबंधन में होने के नाते जदयू, भाजपा के साथ खड़ी है।
नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग ये फैला रहे हैं कि हमने मंत्रिमंडल में कम से कम तीन सीटों की मांग की। ये पूरी तरह गलत है। हमने किसी भी संख्या की बात नहीं की। सिर्फ अनुपात के हिसाब से भागीदारी की बात कही।
क्या जदयू भविष्य में मोदी कैबिनेट में शामिल होगी? इस पर नीतीश ने कहा कि आगे की बात बाद में सोची जाएगी। जहां तक संख्या की बात है तो भाजपा के पास केंद्र में बहुमत है।

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