लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच समझौता तकरीबन हो चुका है। यह तय हुआ है कि कांग्रेस को नई दिल्ली, चंदनी चौक और उत्तर पश्चिम दिल्ली की सीटें मिलेंगी, जबकि पूर्वी दिल्ली, दिल्ली उत्तर पूर्व और पश्चिम दिल्ली में आप चुनाव लड़ेगी। दक्षिण दिल्ली से संयुक्त उम्मीदवार होगा। वैसे कांग्रेस अब भी पूर्वी दिल्ली की सीट हासिल करना चाहती है, लेकिन आप इसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
पार्टी ने यहां से अतिशी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। ध्यान रहे कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मसले पर दिल्ली के नेताओं के साथ दो बार बैठकें कर चुके हैं। प्रभारी महासचिव पीसी चाको, कपिल सिब्बल और अजय माकन माकन जैसे कुछ वरिष्ठ नेता आप से गठबंधन के पक्ष में हैं।
उनका कहना है कि गठबंधन न होने की सूरत में सभी 7 सीटें भाजपा जीत जाएगी। उधर प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित और कई अन्य नेता इसके विरोध में हैं। दोनों खेमों ने यह निर्णय राहुल गांधी पर छोड़ रखा है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान 3-3 और एक साझा सीट के फार्मूले पर सहमत हो गए हैं। पार्टी के कुछ नेता अब भी कह रहे हैं कि यदि समझौता होता है तो कांग्रेस को पूर्वी दिल्ली या उत्तर-पूर्व दिल्ली की एक सीट जरूर लेनी चाहिए। शीला भी चाहती हैं कि उनके बेटे संदीप दीक्षित को उनकी पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़वाया जाए, क्योंकि वे वहां से वर्ष 2004 और 2009 में चुनाव जीत चुके हैं। यह दोनों सीटें कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है।
यही कारण है कि पार्टी अब भी इनमें से कम से कम एक सीट लेने के लिए आप नेताओं से बातचीत कर रही है। वैसे कांग्रेस के अधिकांश बड़े नेता आप से तालमेल के लिए मन बना चुके हैं। दक्षिण दिल्ली से साझा उम्मीदवार के रूप में पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा या कीर्ति आजाद के नाम की चर्चा चल रही है।