पीपलरावां थानातंर्गत ग्राम भूतियाबुजुर्ग का मामला
देवास। किशोरी के साथ जबरन दुष्कर्म करने के मामले में साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोषी मानते हुए तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश देवास (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012) ने आरोपी को 14 वर्ष का कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है।
यह है पूरा मामला
उप संचालक (अभियोजन)अजयसिंह भंवर ने बताया कि 24 नवंबर 2015 को दिन में 12 बजे के लगभग किशोरी जिसकी उम्र 16 वर्ष से कम थी अपने घर ग्राम भूतियाबुजुर्ग में अकेली थी। किशोरी के उसके पिता गांव गये तथा उसकी मां ढोर चराने जंगल गई थी। तभी सोहन पिता सिद्ध खाती निवासी खेडी राजपुरा घर में अंदर घुस आया तथा बुरी नियत से उसने किशोरी के साथ छेड़छाड़ करना शुरू कर दी। जब किशोरी चिल्लाने लगी तो उसका मुंह दबा दिया ओर बोला की चिल्लाई तो तुझे जान से मार डालूगा। जिसके बाद उसने किशोरी के साथ जबरन दुष्कर्म किया। किशोरी ने यह बात अपने पिता व भाई को बताई। जिसके बाद परिजनों के साथ पिपलरावां थाने पर पहुंची और आरोपी सोहन खाती के खिलाफ 376,450,506, भादवि एवं 7/8 पॉस्को एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज करवाया। तभी से प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन था। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीष देवास (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012) ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर सोहन पिता सिद्धनाथ खाती आयु 28 वर्ष निवासी ग्राम खेड़ी राजपुरा थाना पिपलरांवा को दोषी मानते हुए 14 वर्ष का कारावास एवं 10000/-हजार रूपये के अर्थदण्ड से एवं धारा 450 भादवि में 5 वर्ष का कारावास एवं 2000/- हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं पीडि़ता को 12 हजार रूपये प्रतिकर राशि दिये जाने का आदेश पारित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी राजेन्द्र खंडेगर जिला अभियोजन अधिकारी और आशा शाक्यवार अति.जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला देवास ने की एवं कोर्ट मुंंशी मनीष तिवारी एवं प्रधान आरक्षक मोहनलाल जयसवाल का सहयोग रहा।