Economy

जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए नहीं रहेगी कई सारे दस्तावेज़ों की ज़रूरत,आधार के ज़रिये करा सकेंगे पंजीयन।

लोकसभा चुनाव के बाद जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई।जिसमे कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब व्यापारी आधार के जरिए जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। पहले इसके लिए कई दस्तावेजों की जरूरत होती थी। उन्होंने बताया कि आधार के जरिए रजिस्ट्रेशन से व्यापारियों को कई फायदे भी होंगे।

पांडेय ने कहा- हमने जीएसटी रजिस्ट्रेशन को आसान बनाने के लिए आधार के इस्तेमाल का फैसला लिया है। अब व्यक्ति आधार के जरिए ऑनलाइन जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर सकता है। इसके बाद उसे ओटीपी मिलेगा, जिसके जरिए वह जीएसटीएन पोर्टल पर खुद को रजिस्टर कर सकता है और रजिस्ट्रेशन नंबर हासिल कर सकता है। इसमें जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रु. सालाना टर्नओवर कर दिया गया है।

“जीएसटी के तहत सालाना रिटर्न फाइल करने की समय सीमा दो महीने बढ़ाकर 30 अगस्त 2019 कर दी गई है। पहले यह 30 जून थी 2019 थी। जीएसटी का नया रिटर्न फाइलिंग सिस्टम 1 जनवरी 2020 से लागू होगा, पांडेय ने ये भी बताया की काउंसिल ने जीएसटी एंटी-प्रॉफीटियरिंग अथॉरिटी का कार्यकाल भी 2 साल तक बढ़ा दिया है।

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