सर्किल इंचार्ज, 4 लाइन स्टॉफ कर्मचारी सस्पेंड, 8 आउटसोर्स पर्सन को किया सेवा से पृथक… मामला बिजली कटौती और कार्य के प्रति लापरवाही करने का
खंडवा। मप्रपक्षेविविकं के अंतर्गत जिले में बिजली वितरण के प्रति घोर उदासीनता, लापरवाही बरतने एवं कर्त्तव्य पालन ठीक से नहीं करने पर 1 सर्किल इंचार्ज और 4 लाइन स्टॉफ कर्मचारियों पर गाज गिरी हैं। उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। जबकि 8 आउटसोर्स पर्सन को सेवा से पृथक किया गया है। अघोषित बिजली कटौती की शिकायत कृषि मंत्री सचिन यादव को मिली थी। ग्रामीण क्षेत्रों से बार बार मिल रही शिकायतों के बाद उन्होंने कलेक्टर और बिजली कंपनी अफसरों को जांच के लिए कहा था। जांच में पाया गया कि जिले के विभिन्न फीडरों में पदस्थ कर्मचारी एक पार्टी विशेष को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से अनुचित रूप से लाइन बन्द कर बिजली संकट पैदा कर रहे है। जिसके बाद बिजली कम्पनी ईई ने जांच कर उन्हें दोषी पाया। बताया जा रहा है कि हटाये और सस्पेंड किये गए, वही बताया जा रहा है कि यहा कर्मचारी सोश्यल मीडिया पर भी एक पार्टी विशेष (भाजपा) का प्रचार कर रहे थे।ग्रामीण कांग्रेस जिलाध्यक्ष ओंकार पटेल व शहर अध्यक्ष इन्दल सिंह पवार ने बताया कि जान बूझकर जिले में बिजली की कटौती की जा रही थी। जिसकी जांच के बाद ईई खंडवा द्वारा नियमित कर्मचारियों सर्किल इंचार्ज श्याम पाल 33/11 केवी सेहजला को निलंबित किया गया। साथ लाइन स्टाफ के कालीचरण दांगोरे लाइन अटेंडर जावर, मनोहर तुलसीराम लाइन हेल्पर जावर डीसी, गौरीशंकर गुर्जर लाइन अटेंडेंट पुनासा डीसी रिछफल एफडीसी, अरविंद लाड़ लाइन अटेंडेंट छैगांव माखन डीसी को कार्य में लापरवाही बरतने, अफसरों की बात नहीं मानने पर निलंबित किया गया। जबकि 8 आउटसोर्स पर्सन ललित मांडलेकर ,33/11 केवी रनगांव, सोनू मालवीय 33/11 केवी सहेजला, राम गोड़वाल 33/11 केवी जावर, राकेश पांडे पुनासा डीसी केलवा एफओसी, बालकृष्ण प्रजापति पुनासा डीसी बांगरदा एफओसी, चंदन शुक्ला, सनावद ईस्ट डीसी, यशवंत ,मूंदी डीसी छालपी एफओसी तथा दीपक महेंद्र सिंह, 33/11 केवी निहालवाड़ी को सेवा से पृथक कर दिया गया है। गौरतलब है कि मप्रपक्षेविविकं के अधीन 15 जिलों में बिजली के वितरण एवं अन्य विभागीय कामकाज की समीक्षा की गई। इसमें कई स्थानों पर इंजीनियरों, कार्यालयीन स्टाफ एवं आउट सोर्स के तहत अस्थाई सेवाएं दे रही कर्मचारियों की लापरवाही उजागर हुई।इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच की। जांच में बिजली वितरण में लापरवाही, लोगों से व्यव्हार ठीक से नहीं करने, कार्यालयीन कामकाज के प्रति गंभीर लापरवाही बरतने, कंपनी मुख्यालय एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का पालन नहीं करने की बात सही साबित हुई। इसके बाद निलंबन व नौकरी से बाहर करने के आदेश जारी किए गए हैं।