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भाजपा विधायक द्वारा निगम अफसर से मारपीट मामले में उनके पिता कैलाश विजयवर्गीय ने बचाव करते हुए कहा इतना बड़ा मुद्दा नहीं था अफसर अभी कच्चे खिलाड़ी हैं।

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीयके के सुपुत्र इंदौर से स्थानीय विधायक आकाश द्वारा निगम अफसर की बैट से पिटाई करने के मामले में बेटे आकाश का बचाव करते हुए कहा की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण है परन्तु , ‘मुझे लगता है कि दोनों पक्ष आकाश और निगम अधिकारी कच्चे खिलाड़ी हैं। ये बड़ा मुद्दा नहीं था, लेकिन इसे बड़ा बना दिया गया। इससे पहले भोपाल कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आकाश रविवार को 84 घंटे बाद जेल से बाहर आए थे।

उन्होंने कहा, ”मैं पार्षद, मेयर और विभागीय मंत्री रहा हूं। हम बारिश के दौरान किसी भी आवासीय भवन को ध्वस्त नहीं करते। मुझे नहीं पता कि सरकार ने इस मामले में कोई आदेश जारी किया था, अगर ऐसा हुआ है, तो यह उनकी ओर से गलती है। जब किसी जर्जर इमारत को ध्वस्त करते हैं तो पहले वहां रहने वाले लोगों के लिए ‘धर्मशाला’ में व्यवस्था की जाती है। अधिकारियों को इतना अहंकारी नहीं होना चाहिए, उन्हें जनप्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए। दोनों पक्ष इस बात को समझें ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो।”

रविवार को जमानत पर बाहर आए थे आकाश

मारपीट के मामले में शनिवार को आकाश विजयवर्गीय को भोपाल की विशेष अदालत से जमानत मिली थी। इसके बाद वह रविवार को इंदौर जेल से रिहा हो गए। इस दौरान आकाश ने कहा था, ‘मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि मुझे दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दे। अब गांधीजी के दिखाए रास्ते पर चलने की कोशिश करूंगा।’

आकाश ने निगम अफसर को बैट से पीटा था

26 जून को निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस टीम के साथ जर्जर मकान को ढहाने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान आकाश वहां आए और टीम को बगैर कार्रवाई के लिए जाने के लिए कहा। लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई जारी रखी और आकाश ने बैट से अधिकारी की पिटाई की थी। शुक्रवार को बायस की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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