भोपाल :कल तक अपने वजूद की तलाश में राजनीतिक और सामाजिक मंचों पर उठक-बैठक लगाकर डंडे-झंडे उठाने में लगे हुए आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस की तरफ पलायन करने का पारितोषिक मिलना शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी से आए युवा कार्यकर्ताओं को कांग्रेस ने न सिर्फ सिर-माथे बैठाया है, बल्कि उन्हें सम्मानजनक पदों से नवाजना भी शुरू कर दिया है। देवास जिले की एक युवा टीम को उनके मिजाज और महारत के लिहाज से आई सेल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। फिलहाल भोपाल में आम आदमी पार्टी के बड़े पदों को छोड़कर आए नेताओं के लिए फैसला लिया जाना बाकी है।
आम आदमी पार्टी की प्रदेश में आमद के समय से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं को अब पार्टी में असंतोष और खुद के भविष्य के साथ नाइंसाफी नजर आने लगी है। भेदभाव से भरी नीतियां और पार्टी को आगे बढ़ाने की योजना पर काम न होने के चलते कई बड़े पदाधिकारियों ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कहकर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। राजधानी भोपाल से लेकर पूरे प्रदेश में चली इस लहर के बीच देवास जिले के कई युवा आम आदमियों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इनमें आम आदमी पार्टी के पूर्व जिला संयोजक निकलेश नामदेव, जिला प्रवक्ता एवं सोशल मीडिया प्रभारी अर्शील खान, एससी एसटी नगर अध्यक्ष जितेन्द्र मालवीय आदि शामिल थे। कांग्रेस के बड़े नेताओं और मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी आदि की मौजूदगी में हुए इस सदस्यता ग्रहण के चंद ही दिनों में कांग्रेस ने इन युवाओं को कांग्रेस की सक्रिय टीम में शामिल कर लिया है। जिला कांग्रेस के आईटी एवं सोशल मीडिया प्रभारी प्रमोद सुमन ने जारी किए नियुक्ति पत्र में निकलेश नामदेव को आईटी सेल का जिला उपाध्यक्ष मनोनीत किया है। इसी तरह अर्शील खान को महासचिव और जितेन्द्र मालवीय को सचिव के पद से नवाजा गया है। सूत्रों का कहना है कि देवास जिले से ही आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सोहेल शेख और राहुल अग्रवाल के लिए भी कांग्रेस में किसी मुनासिब पद पर एडजस्ट करने की कवायद शुरू हो गई है। आईटी सेल के जिला महासचिव बनाए गए अर्शील खान ने बताया कि आम आदमी पार्टी के अलावा भी कुछ अन्य पार्टियों से त्रस्त लोग उनके सम्पर्क में हैं, जो जल्दी ही कांग्रेस की सदस्यता लेकर सक्रिय राजनीति शुरू करने की मंशा रखते हैं।
शुरूआती लोगों ने छोड़ा आप का दामन
अन्ना हजारे के आंदोलन के दौर में आम आदमी पार्टी का झंडा लेकर सड़कों पर आए अक्षय हुंका और नेहा बग्गा भी पार्टी नीतियों से नाराज होकर पलायन कर चुके हैं। जहां नेहा बग्गा अपनी आस्थाएं भाजपा को समर्पित कर चुकी हैं, वहीं अक्षय हुुंका ने कांग्रेस का दामन थामकर पार्टी में अपनी सक्रिय भूमिका दिखाना शुरू कर दी है। हुंका द्वारा कांग्रेस की सदस्यता लेने के साथ ही उन्होंने पीसीसी में आमद देना शुरू कर दी है।