Bhopal

भोपाल:नई फिल्म राम की जन्मभूमि पर ऐतराज़.. ऑल इंडिया औलेमा बोर्ड ने हीरोइन नाजनीन पाटनी को की कौम से बेदखल करने की बात

भोपाल :शरीयत के दो अहम और संजीदा मसलों को बेहूदेपन के साथ परोसने की कोई सोची-समझी साजिश है, जो देशभर में नफरत के बीज बोने का काम करने वाली है। ऐन चुनावी दौर में इस विवादित विषय पर फिल्म का प्रदर्शन कर सियासी रोटियां सेंकने और किसी पार्टी विशेष को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। हिन्दुस्तान का मुसलमान इसकी मुखालिफत करेगा और ऐसे घिनौने काम में सहयोग करने वालों को कौम में बर्दाश्त भी नहीं करेगा।

ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के पदाधिकारी मंगलवार को राजधानी में मौजूद थे। उन्होंने विवादित फिल्म राम की जन्मभूमि के विषय और इसमें शामिल की गई विषयवस्तु पर एतराज उठाया। बोर्ड के प्रदेश सदर काजी सैयद अनस नदवी ने कहा कि फिल्में मनोरंजन के लिए होती हैं, न कि नफरतें और द्वेष फैलाने के लिए। वसीम रिजवी द्वारा निर्मित फिल्म में शरीयत को गलत तरीके से पेश किया गया है। टीवी पर दिखाए जाने वाले इसके प्रोमो को देखकर ही अंदाज लगाया जा सकता है कि फिल्म में मजहब-ए-इस्लाम को बदनाम करने के लिए कई शरई मामलों को तोड़मरोड़कर गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने सरकार और चुनाव आयोग से मांग की है कि इस विवादित फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई जाए।

इस मौके पर बोर्ड के प्रदेश नायब सदर नूर उल्लाह युसुफजई ने कहा कि ऐन लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदर्शित की जाने वाली इस फिल्म के जरिये हिन्दू-मुस्लिमों के बीच सौहाद्र्र खराब करने की नीयत फिल्मकारों की है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म के जरिये वोटों के धु्रवीकरण की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। युसूफजई ने चुनाव को देखते हुए इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है।

रिजवी और नाजनीन कौम से बेदखल

ऑल इंडिया औलेमा बोर्ड ने फिल्म के निर्माता वसीम रिजवी और अदाकारा नाजनीन पाटनी को कौम से बेदखल करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि मजहब-ए-इस्लाम का चोला ओढ़कर अपने ही समुदाय और उसकी शरीयत के खिलाफ काम करने वाले लोगों के लिए इस्लाम में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि कुरआन में कही गईं बातों की मुखालिफत करने वाले अल्लाह के गुनाहगार हैं, उन्हें बेशक अल्लाह इसकी सजा देंगे, लेकिन सामाजिक ऐतबार से भी ऐसे लोगों का बहिष्कार किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में लोग ऐसे गुनाह से बचने की इबरत हासिल करें।

इधर विवादों से फायदा उठाने के आरोप भी लगे

राजधानी के आलीशान होटल में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान उठाए गए एतराज को लेकर भी सवालों की झड़ी लगने लगी है। ऑल इंडिया औलेमा बोर्ड के प्रदेश पदाधिकारियों के अलावा राष्ट्रीय ओहदेदारों की मौजूदगी वाले इस एतराज कार्यक्रम को प्रायोजित और फिल्म निर्माताओं को फायदा पहुंचाने वाला करार दिया जा रहा है। विवाद से मिलने वाले फायदे के पिछले उदाहरणों को आगे रखते हुए कहा जा रहा है कि अब तक पूरी तरह से बेखबरी की चादर में लिपटी हुई इस फिल्म की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए संभवत: फिल्मकारों ने इस विरोध प्रचार का सहारा लिया है। गौरतलब है कि पहले भी किसी औसत दर्जे की फिल्म को जनरुचि की बनाने के लिए विरोध और कंट्रोवर्सी के फार्मूले आजमाए जाते रहे हैं, जिनका फायदा फिल्मकारों को मिलता रहा है।
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