भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब मंदिर सिर्फ पूजा-पाठ का स्थान नहीं रहे, बल्कि यहां एक अनोखी पाठशाला की शुरुआत की गई है। हिंदू संगठनों द्वारा चलाई जा रही इस पाठशाला में बच्चों को ‘लव जिहाद’ और ‘लैंड जिहाद’ से बचाव के तरीके सिखाए जा रहे हैं। यह पहल हिंदू संस्कृति और सनातन धर्म की रक्षा के उद्देश्य से शुरू की गई है।
क्या है मंदिरों की यह खास पाठशाला?
भोपाल के मंदिरों में हर एकादशी के दिन यह विशेष पाठशाला लगाई जाती है। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा और बच्चे शामिल होते हैं। यहां सनातन धर्म, हिंदू संस्कृति, सामाजिक जिम्मेदारियों और लव जिहाद से बचाव जैसे विषयों पर विशेष शिक्षाएं दी जा रही हैं।
पाठशाला का उद्देश्य क्या है?
इस अभियान का मकसद युवाओं को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक करना और उन्हें बाहरी प्रभावों से बचाना है। संस्कृति बचाओ मंच समिति इस पाठशाला का संचालन कर रही है। समिति के मुताबिक, यह पहल हिंदू समाज को मजबूत करने और सनातन धर्म के मूल्यों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
लव जिहाद और लैंड जिहाद पर फोकस
पाठशाला में खासतौर पर हिंदू बेटियों को लव जिहाद से बचने के लिए शिक्षित किया जा रहा है। इसके साथ ही ‘लैंड जिहाद’ जैसी अवधारणाओं को लेकर भी जागरूकता फैलाई जा रही है। हिंदू संगठनों का मानना है कि यह सामाजिक सुरक्षा के लिए ज़रूरी है।
क्यों हो रही है चर्चा?
इस पहल को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे संस्कृति की रक्षा मान रहे हैं, तो कुछ इसे सामाजिक विभाजन की ओर बढ़ा कदम कह रहे हैं। हालांकि, आयोजकों का दावा है कि उनका उद्देश्य केवल धार्मिक जागरूकता और सनातन संस्कृति की रक्षा करना है।
भोपाल से शुरू हुई यह मुहिम क्या पूरे देश में फैलेगी? क्या यह पहल बच्चों में धार्मिक समझ बढ़ाएगी या समाज में नई बहस छेड़ेगी? आने वाले समय में यह जरूर साफ हो जाएगा।