बैठक में शहरी वनीकरण और विकास कार्याें की समग्रता पर बल
भोपाल। हरित भोपाल बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए शहरी वनीकरण को विकसित करने के लिए खाली पड़ी शासकीय भूमि और बंद पड़ी खदानों पर पेड़ लगाए जाएंगे। संभागायुक्त श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव की अध्यक्षता में मंगलवार को सम्पन्न हुई बैठक में भोपाल को हरित बनाने के लिए संबंधित विभागों की कार्ययोजना की समीक्षा की गई।
संभागायुक्त ने कहा है कि हरित भोपाल के लिए यदि कोई एजेंसी कोई अन्य कार्य करना चाहती है तो वे भी कार्ययोजना प्रस्तुत कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि सड़कों का निर्माण और विस्तार कार्य को समग्र बिन्दुओं जैसे साइकिल ट्रेक, वृक्षारोपण, फुटपाथ आदि को शामिल कर कार्य योजना बनाएं । बैठक में बताया गया कि विकसित और अविकसित पार्कों की मैपिंग का कार्य जारी है और स्मार्ट सिटी डेवलप कंपनी मैपिंग सहित पार्कों को हरा भरा बनाने में सहभागिता निभाएगी । कमिश्नर ने कहा कि नगर को और भी हरा भरा एवं पर्यावरण को और बेहतर बनाने के लिए पॉलीथिन के उपयोग पर रोक लगाने, कचरा प्रबंधन, पार्कों का कायाकल्प और स्वच्छता जैसे कदम तत्काल उठाए जाएं।
पार्कों का होगा कायाकल्प
बैठक में बताया गया कि भोपाल में कुल 325 पार्क है इनमें से नगर निगम के 115, बीडीए के 172, सीपीए के 25, राजधानी परियोजना के 9 एवं हॉर्टिकल्चर के चार पार्क है। कमिश्नर ने निर्देश दिए हैं कि इस टं८ के अंत तक सभी अविकसित पार्कों को विकसित किया जाए और प्रारंभिक तौर पर इनमें पेड़ पौधे लगाने के साथ ही फुटपाथ बनाने, बैठने के लिए कुर्सियां, ओपन जिम, बच्चों के लिए झूले आदि लगाने का काम हर हाल में कर लिया जाए ।
वृक्षारोपण करने के निर्देश
उन्होंने कम हरियाली वाले क्षेत्रों शाहपुरा, कोलार रोड, होशंगाबाद रोड सहित पुराने भोपाल आदि में वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए हैं । कमिश्नर ने निमार्णाधीन भवनों की निष्प्रायोज्य सामग्री के संग्रहण के लिए नेटवर्क बनाने के साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए भी यूनिट लगाने के काम में तेजी लाने लिए कहा है।
मलमा हटाने मशीनों का हो उपयोग
बैठक में बताया गया कि सड़कों से धूल हटाने के लिए तीन आटोमेटिक मशीनें कार्य कर रहीं हैं । कमिश्नर ने निर्देश दिए हैं कि सड़कों पर पड़े मलबे आदि को उठाने के लिए भी इन मशीनों का उपयोग किया जाए । पर्यावरण के लिए पॉलीथिन के उपयोग को बड़ा खतरा मानते हुए आयुक्त नगर निगम से कहा गया है कि वे होर्डिंग आदि लगाकर नागरिकों से पॉलीथिन का उपयोग नहीं करने की अपील करें । उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए बोगनवेलिया, सतपर्णी, फिकड, नीम, पीपल,पलास, अमलतास एवं आंवला आदि के वृक्ष लगाएं, क्योंकि इन वृक्षों को ज्यादा देखरेख की आवश्यकता भी नहीं होती है ।
बैठक में अपर आयुक्त नगर निगम, बीडीए, सीपीए, स्मार्ट सिटी कंपनी, लोक निर्माण विभाग आदि के अधिकारियों उपस्थित थे ।