भोपाल। चौकीदार को लेकर मध्यप्रदेश की सियासत में बवाल मचने लगा है। प्रदेश कांग्रेस के ‘चौकीदार चोर है” विज्ञापन पर रोक लगाने के बाद चौकीदार को लेकर अमर्यादित टिप्पणी पर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। सागर कलेक्टर प्रीति मैथिल ने पहले जांच कर आचार संहिता के उल्लंघन का मामला नहीं पाया था पर उनके जवाब से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय संतुष्ट नहीं हुआ और दोबारा परीक्षण करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए तो इस पर एफआईआर दर्ज कर दी गई।
कार्रवाई पर प्रदेश कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव पर भाजपा के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। साथ ही चेतावनी दी कि उनका यही रवैया रहा तो हमें शिकायत करने के साथ धरना-प्रदर्शन करना होगा
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने चौकीदार को लेकर टिप्पणी की थी। इस पर भाजपा ने सीईओ से राजपूत सहित दो अन्य मंत्री (बृजेंद्र सिंह राठौर और हर्ष यादव) के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। सीईओ ऑफिस ने सागर कलेक्टर से शिकायत की जांच कर रिपोर्ट मांगी थी। कलेक्टर द्वारा भेजी रिपोर्ट में राजपूत के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला नहीं पाया गया।
हालांकि, रिपोर्ट में यह जरूर कहा गया कि इतने बड़े पद पर बैठे व्यक्ति को भाषा की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। इस गोलमोल जवाब को सीईओ ऑफिस ने अमान्य करते हुए दोबारा परीक्षण करके कार्रवाई करने के लिए कहा। इस पर राजपूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि जब कलेक्टर ने रिपोर्ट में आचार संहिता का उल्लंघन नहीं पाया तो फिर दोबारा परीक्षण क्यों कराया जा रहा है। उन्होंने सीईओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे bjp और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में काम कर रहे हैं। यदि उनका यही रवैया रहा तो फिर हमें शिकायत करनी होगी और धरना-प्रदर्शन करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री कमलनाथ को क्लीनचिट
खंडवा के हरसूद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ की टिप्पणी को आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना गया। खंडवा कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने सीईओ कार्यालय को भेजी रिपोर्ट में मुख्यमंत्री के टिप्पणी करने की पुष्टि की। इसके आधार पर सीईओ ऑफिस ने चुनाव आयोग को भेजी रिपोर्ट में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने सेना बनाई थी। एयर फोर्स और नेवी बनाई। इसमें आचार संहिता का उल्लंघन नहीं पाया गया है।