डिंडौरी.मध्यप्रदेश में भले ही सरकार बदल गई हो लेकिन हालात जस के तस बने हुए है. स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में अब भी सुधार नही हो पाया है.एक बार फिर मनावता को शर्मसार करने का मामला जबलपुर संभाग के डिंडौरी से सामने आया है.यहां शव वाहन ना मिलने पर परिजनों को थाने से घर तक कंधे पर ही शव को रखकर करीब छह किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ा. परिजनों के बार-बार मदद मांगने के बावजूद भी न तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा न ही पुलिस द्वारा शव वाहन की व्यवस्था कराई गई, आखिरकार शव को कंधे पर ही उठाकर घर पहुंचना पड़ा, जहां आज शाम अंतिम संस्कार किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार रात बजाग थाना क्षेत्र के जंगल में संदिग्ध परिस्थितियों में बुजुर्ग बैगा आदिवासी का शव मिला था, सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. पुलिस ने आज शनिवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया.इसके बाद परिजनों ने पुलिस और अस्पताल के लोगों से शव वाहन की मांग की, लेकिन दोनों ने ही वाहन उपलब्ध नही कराया. काफी देर गिड़गिडाने के बाद परिजन शव को कंधे पर रखकर करीब 6 किलोमीटर पैदल चलकर घर पहुंचे.जहां बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया गया.
परिजनों के बार-बार मदद मांगने के बावजूद भी न तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा न ही पुलिस द्वारा शव वाहन की व्यवस्था कराई गई .इसके बाद मजबूरन आदिवासी परिवार शव को कंधे पर रखकर थाने से घर ले गया. बता दे कि यह पहला मौका नही है जब इस तरह का मामला सामने आया हो. इसके पहले भी कई मामले सामने आ चुके है. विपक्ष में रहकर कांग्रेस अक्सर बीजेपी को स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर घेरती आई है. अब चुंकी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो अब सवाल कांग्रेस के खिलाफ ही उठने लगे है.