सीहोर। महिला बाल विकास विभाग की टीम ने गांव सतपिपलिया पहुंची और परिजनों को समझाईश देकर दो बालिकाओं को वधु बनने से रोक लिया। दोनों ही बालिकाएं सगी बहनें थी और मंगलवार को उनके घर बारात आना थी। दरअसल गांव सतपिपलिया निवासी राम सिंह की दो बेटी जिनकी उम्र 16 साल और 13 साल है, उनका विवाह अक्षय तृतीया पर मंगलवार को होना था। गांव की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने इसकी जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को दी। जिस पर पर्यवेक्षक कांति भार्गव और नाहिद जहां गांव सतपिपलिया पहुंची। उन्होंने रामसिंह को समझाया कि बाल विवाह क्यों नहीं करना चाहिए। बाल विवाह से बच्चियों की जिंदगी किस तरह बर्बाद हो जाती है। जब परिजनों ने विवाह रोकने में आनाकानी की तो बाल विवाह करने पर कानूनी सजा की बात उन्होंने कही। तब जाकर परिजन विवाह रोकने के लिए तैयार हो गए। उन्होंने लिखित में इसकी सहमति भी दी कि वे अपने बेटी का विवाह उनके 18 साल के होने के बाद ही करेंगे।
