राफेल डील के मुद्दे पर केन्द्र की मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों को मान्य करार देते हुए सरकार की आपत्ति को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राफेल डील पर सरकार को सुप्रीम कोर्ट से जो क्लीन चिट मिल गई थी, उस पर संशय के बादल मंडरा गए हैं। राफेल डील के मुद्दे की फिर से जांच के लिए याचिका पेश करने वाले अरुण शौरी ने बताया कि हमारा कहना था कि क्योंकि ये दस्तावेज रक्षा से जुड़े हैं, इसलिए उनकी जांच होनी चाहिए। कोर्ट ने सबूत मांगे थे और हमने वो मुहैया करा दिए हैं। इसलिए कोर्ट ने हमारी याचिका को स्वीकार करते हुए सरकार की आपत्ति को खारिज कर दिया है।
बता दें कि सरकार ने फ्रांस के साथ 36 राफेल फाइटर जेट की डील की है। एनडीए सरकार से पहले की यूपीए सरकार ने फ्रांस के साथ 126 राफेल लड़ाकू विमानों की डील की थी। जिसमें एनडीए सरकार ने लड़ाकू विमानों की संख्या घटाकर 36 कर दिया था। विपक्ष का आरोप है कि इस डील में सरकार ने धांधली की है और डील में फाइटर जेट को कीमत यूपीए सरकार की तुलना में अधिक दी जा रही है। राजनैतिक हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप के बाद राफेल डील का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जहां सरकार ने कोर्ट ने डील से संबंधी दस्तावेज बंद लिफाफे में कोर्ट में पेश किए। इन दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट ने सरकार को क्लीन चिट दे दी।
इसी बीच राफेल डील से संबंधी कुछ अहम दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए। जिसके बाद कोर्ट में अरुण शौरी ने राफेल डील पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की। इस याचिका के साथ याचिकाकर्ता ने चोरी दस्तावेजों की फोटोकॉपी भी कोर्ट में पेश की। जिस पर सरकार ने कोर्ट से अपील की कि यह दस्तावेज चोरी के है, ऐसे में कोर्ट इन्हें मान्यता ना दे। लेकिन बुधवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन दस्तावेजों को मान्य करार दिया दे दिया है। जिसके बाद इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी। सुनवाई की तारीख भी जल्द तय की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार के दावे को खारिज करते हुए दस्तावेजों को मान्य करार देना सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल कोर्ट के इस फैसले के बाद राफेल डील पर कोर्ट फिर से सुनवाई कर सकता है। इसका मतलब ये होगा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट से जो क्लीन चिट मिली थी, उस पर संशय के बादल मंडरा गए हैं और एक बार फिर से इस मामले की जांच की जा सकती है। चुनावों के इस मौसम में राजनैतिक पार्टियां सरकार के खिलाफ इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा सकती हैं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी और केन्द्र सरकार को घेरना शुरु कर दिया है। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट के फैसले के बाद ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला बोला। केजरीवाल ने लिखा कि मोदी जी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राफेल में क्लीन चिट मिली है। आज के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साबित हो गया कि मोदी जी ने राफेल में चोरी की है, देश की सेना से धोखा किया है और अपना जुर्म छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया है।
मोदी जी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राफ़ेल में क्लीन चिट मिली है। आज के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से साबित हो गया कि मोदी जी ने राफ़ेल में चोरी की है, देश की सेना से धोखा किया है और अपना जुर्म छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार पर हमला बोला है। सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में लिखा कि “मोदी जी, आप चाहे जितना भी झूठ बोल लें, लेकिन जल्द या देर से सच्चाई सामने आ ही जाएगी। राफेल घोटाले की सच्चाई एक एक कर सामने आ रही है और अब इसे छिपाया नहीं जा सकता।