भोपाल। वाहनों की रेलमपेल के बीच दौड़ते हुए सड़क पार करने का अपना ही रोमांच है, जिसे लोग मिस नहीं करना चाहते, शायद यही वजह है राजधानी में करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए एफओबी महज़ होर्डिंग बनकर रह गए हैं। मल्टीनेशनल कंपनियों के विज्ञापन स्पॉट बने इन एफओबी के औचित्य को परखने जब स्पॉट पर जाकर देखा तो पाया कि राजधानी में बनाए गए तीन एफओबी मे से महज एक उपयोग में आ रहा है, जबकि शेष दो महज विज्ञापन का जरिया बनकर रह गए हैै। इनमें एक तो ऐसा है जिस पर से दिन में दो व्यक्ति भी गुजर जाएं तो ऐसा लगता है मानों एफओबी बनाने का उद्देश्य सार्थक हो गया।
यातायात सुगम हो और राजधानी की व्यस्त सड़कों पर हादसे कम हों, इस मकसद को सामने रखकर नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर तीन एफओबी तैयार किए गए थे। जिनमें से दस नम्बर मार्केट में बनने वाला एक एफओबी तो व्यापारियों ने बनने ही नहीं दिया। बहरहाल जो तीन एफओबी बनाए भी गए वे भी महज विज्ञापन के ही काम आ रहे हैं।
स्थान – आईएसबीटी
समय – दोपहर 12:27
अंतर्राज्यीय बस स्टैंड पर आने-जाने वाले यात्रियों को सड़क पार करने में कोई असुविधा न हो, इस बात को ध्यान में रखकर फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कराया गया था। यहां पर जब यहां आधा घंटे तक रुककर देखा गया तो पाया कि एक ही व्यक्ति इस ब्रिज को पार कर आईएसबीटी से दूसरी ओर गया। वहां से वह बस में बैठकर शहर की तरफ चला गया। यहां लिफ्ट तो है, चलती भी है, लेकिन लिफ्ट में सवार होकर जाने वाले लोग नहीं, बल्कि कभी कभार बच्चे जरूर इसमें बैठकर कभी ऊपर जाते हैं तो कभी नीचे आते हैं। यानि खेल की तरह इसका इस्तेमाल करते हैं।
स्थान – ज्योति टॉकीज
समय – दोपहर : 01:19
ज्योति टॉकीज चौराहा पर बना एफओबी कुछ आबाद दिखता है। यहां कि स्थिति यह है कि तकरीबन आधा घंटे में 42 लोगों ने ब्रिज को पार किया, कोई ज्योति टॉकीज से बिजली आॅफिस की तरफ गया, वहीं कोई बिजली आॅफिस से ज्योति टॉकीज की तरफ आया। जिनमें ज्यादातर स्टूडेंट थे, जो कि कोचिंग के लिए आते-जाते हैं। इसके अलावा आॅफिस आने जाने वाले कामकाजी लोग। इस एफओबी पर लिफ्ट नहीं है, लेकिन स्केलेटर जरूर है। हालांकि यह सिर्फ चढ़ने के लिए है, जबकि उतरने के लिए सीढ़ियों का ही इस्तेमाल करना होता है। इस ब्रिज पर एक गार्ड भी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी देते नजर आए। मालूम हुआ कि उनका कई दिनों से वेतन नहीं मिला है।
स्थान – कलेक्ट्रेट
दोपहर – 2:44
जिला कलेक्टर कार्यालय के समक्ष स्थित फुट ओवर ब्रिज पर भी इक्का-दुक्का ही लोग नजर आते हैं। क्योंकि ज्यादातर लोग अब भी सड़क को बीआरटीएस फांदकर ही पार करते हैं। एफओबी पार करने वालों में सबसे ज्यादा महिलाएं हैं। वह भी लिफ्ट का उपयोग करती है। आधा घंटे के भीतर एफओबी को कुल 11 लोगों ने पार किया, जिनमें दो बार लिफ्ट से महिलाएं गई और शेष पुरुष थे।