Bhopal

शादियों के बहाने शाही कब्रिस्तान पर कब्जा जमाने की तैयारी,आपत्ति के बाद बदला सामूहिक विवाह सम्मेलन का स्थान

भोपाल। मप्र वक्फ बोर्ड के अंतर्गत औकाफ-ए-शाही के कंट्रोल वाले बड़ा बाग शााही कब्रिस्तान के एक हिस्से में सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन के बहाने कतिपय तत्वों द्वारा कब्जे की मंशा थी, जिस पर औकाफ-ए-शाही और प्रशासन की सूझबूझ के चलते पानी फिर गया। हालांकि एक समुदाय विशेष के जिस सामूहिक विवाह सम्मेलन के आयोजन को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हुई उस समाज का अतिक्रमणकारियों से कुछ लेना देना नहीं है।

मालूम हो कि औकाफ-ए-शाही के मालिकाना हक वाला शाही कब्रिस्तान (बड़ा बाग)भोपाल टॉकीज से लेकर सिंधी कालोनी तक फैला हुआ है। जिस पर तेजी से अतिक्रमण पैर पसार रहा है, हालांकि नगर निगम और प्रशासन की मदद से कुछ कब्जे हटाए भी गए थे, लेकिन हालात फिर जस के तस हो गए। अब अतिक्रमणकारी इस बेशकीमती जमीन पर नए-नए पैतरे अपना रहे हैं। चर्चा है कि इस बार ये तत्व चाहते थे कि पहले एक दो आयोजन प्रशासन की अनुमति से यहां करवा दिए जाए, उसके बाद यहां आयोजन करने वालों से आर्थिक लाभ प्राप्त किया जाए। जब ऐसे ही एक आयोजन की खबर औकाफ-ए-शाही को लगी तो उन्होंने फौरन एसडीएम को पत्र लिखकर आपत्ति जताई। जिसके बाद एसडीएम ने उस जगह होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन की अनुमति को स्थगित कर दिया और उसके स्थान पर सेंट्रल लाईब्रेरी में आयोजन की परमिशन दे दी।

कब्रिस्तान में है नवाबों के मकबरे

-यह कब्रिस्तान भोपाल नवाब की जायदादों में शामिल हैं यहां नवाब नजर मोहम्मद खान और नवाब खानदान के अन्य लोगों के मकबरे हैं यहां सिर्फ नवाब खानदान के लोग ही दफनाये जाते थे। इस कब्रिस्तान के कुछ हिस्से पर लम्बे समय से आधिपत्य का विवाद चल रहा है और मामला अदालत में चल रहा है, एक हिस्से पर अतिक्रमण समय- समय पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

इनका कहना है

परमिशन दी गई थी, क्षेत्र वक्फ के अंतर्गत आता है संबंधित द्वारा आपत्ति किए जाने के बाद परमिशन को होल्ड किया गया और दूसरी जगह सम्मेलन की व्यवस्था कर दी गई हैं। अब किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है।
केके रावत
एसडीएम, बैरागढ़ वृत्त

Please follow and like us:
Pin Share

Leave a Reply