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सिद्धारमैया ने विधानसभा स्पीकर से बागी विधायकों को 6 साल के लिए अयोग्य करने की मांग की, विधायकों का वाकआउट।

कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सदस्यों की योग्यता खारिज की जानी चाहिए। विधायकों ने भाजपा से समझौता कर लिया है। उन्होंने विधायकों से वापस आने और अपना इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि हमने विधायकों को अयोग्य घोषित करने और इस्तीफा स्वीकार नहीं किए जाने के लिए याचिका दायर करने का फैसला किया है। वहीं, लोकसभा में कांग्रेस के सांसदों ने कर्नाटक के राजनीतिक संकट को लेकर सदन से वॉकआउट किया।

सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार को अस्थिर करना भाजपा की आदत है। यह अलोकतांत्रिक है। जनता ने हमें बहुमत दिया। जेडीएस और कांग्रेस को 57% से ज्यादा वोट मिले। राजनीतिक संकट के लिए केवल भाजपा की राज्य शाखा ही नहीं, बल्कि अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे राष्ट्रीय स्तर के नेता भी शामिल हैं। उनके निर्देश पर सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम स्पीकर से दलबदल कानून के तहत कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं। हम अपने पत्र में उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वे न केवल उन्हें अयोग्य घोषित करें बल्कि उन्हें 6 साल के लिए चुनाव लड़ने से भी रोकें।

कांग्रेस ने भाजपा पर सरकार गिराने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा, ‘‘यह उनका (कांग्रेस) स्वभाव है कि वे अपनी असफलता के लिए दूसरों को दोष देते हैं। उनके विधायकों ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा है। हम स्थिति का जायजा लेंगे और फिर उसके अनुसार फैसला करेंगे।’’

‘हम कानून का पालन करेंगे’

स्पीकर रमेश कुमार ने मंगलवार को कहा कि नियमों के मुताबिक अगर विधानसभा अध्यक्ष इस बात पर रजामंदी जता देता है कि विधायकों के इस्तीफे सही हैं और उन्हें स्वेच्छा से दिया गया है, तो वह उन्हें स्वीकार कर सकता है। मुझे इससे ज्यादा की जानकारी नहीं है। इसके लिए मुझे देखना पड़ेगा। जो भी नियम हैं, मेरा (स्पीकर) ऑफिस जिम्मेदारी से कानून का पालन करेगा। इसमें किसी नियत समय की बात नहीं कही गई है।

कांग्रेस के 78, जेडीएस के 37 विधायक

कर्नाटक विधानसभा में 224 सदस्य हैं। कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए 113 सीटें चाहिए। इस्तीफे के पहले तक कांग्रेस के पास 78, जेडीएस के 37 और भाजपा के 105 विधायक थे। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को 119 विधायकों का समर्थन हासिल था।

कांग्रेस के सामने सरकार बचाने की चुनौती

जेडीएस नेता और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के अलावा कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया के सामने सरकार बचाने की चुनौती है। सोमवार को उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने अपने आवास पर कांग्रेस के विधायक और मंत्रियों को नाश्ते पर बुलाया था। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, मंत्री डीके शिवकुमार, यूटी खादर, शिवशंकर रेड्डी, वेंकटरमनप्पा, जयमाला, एमबी पाटिल, केबी गौड़ा, राजशेखर पाटिल मौजूद रहे।

14 विधायकों के इस्तीफे के बाद क्या होगी स्थिति?
शनिवार को कांग्रेस-जेडीएस के 14 विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफा दे दिया था। स्पीकर ने कहा था कि इस्तीफों पर मंगलवार को फैसला लेंगे। अगर 14 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होते हैं तो विधानसभा में कुल 210 सदस्य रह जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर ये संख्या 209 रह जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 105 विधायकों की जरूरत होगी। कुमारस्वामी सरकार के पास केवल 102 विधायकों का समर्थन रह जाएगा। ऐसे में सरकार अल्पमत में आ जाएगी।

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