इंदौर। महिलाओं को हर क्षेत्र मे काम करने का मौका मिलना चाहिए। महिलाएं पुरुषों से बेहतर काम कर सकती हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आई हैं और उन्हें अगर और मौके दिए जाएं, तो वे दिखा सकती हैं कि वे कितनी सबल हैं। यह कहना है राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का। उन्होंने महू स्थित डॉ. बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय में महिलाओं पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी में अपने विचार रखे।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले एक दशक में महिलाओं को लेकर लोगों की धारणा तेजी से बदली है और आज महिलाओं को पहले से ज्यादा मौके मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को और ज्यादा मौके मिलने चाहिए, ताकि एक बार फिर भारत में महिलाओं को वह दर्जा मिले, जो पहले मिलता था। उन्होंने कहा कि भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं। समाप्त हो रही हैं कुरीतियां राज्यपाल पटेल ने कहा कि महिलाओं को बेड़ियों में जकड़ने वाली कुरीतियां अब समाप्त हो रही हैं। आज बाल विवाह, परदा प्रथा जैसी प्रथाएं मिट रही हैं, यह देश की प्रगति के लिए अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन भी महिला सशक्तिकरण की ओर ध्यान दे रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा महिलाओं लिए अनके योजनाएं बनाई गई हैं, जिनका फायदा आज की नारी को हो रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की तकदीर पढ़ाई-लिखाई करने से और स्वयं का व्यवसाय करने से बदल सकती है। महिलाओं ने एक दशक में स्वसहायता समूह बनाकर अनेक उल्लेखनीय कार्य किए हैं। भारत सरकार द्वारा इस वर्ष अनेक महिलाओं को उनके असाधारण कार्य के लिए पद्मश्री से नवाजा गया है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक उल्लेखनीय बात है।
दो पुस्तकों का हुआ विमोचन
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने महिलाओं पर केंद्रित दो पुस्तकों का विमोचन भी किया। इनका लेखन अंजलि चौहान और डॉ. पीसी बंसल ने किया है। राज्यपाल ने कार्यक्रम में 200 महिलाओं के स्वसहायता समूह को संचालित करने वाली प्रभा पोरवाल को शॉल-श्रीफल से सम्मानित किया। कार्यक्रम में डॉ. बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय भौरी भोपाल के बीच एक अनुबंध किया गया। इस अनुबंध के तहत विश्वविद्यालय के शोध से प्राप्त निष्कर्षों को पुलिस विभाग में लागू किया जाएगा।