इंदौर।शहर की पहचान रंगपंचमी पर राजबाड़ा में जमकर रंग-गुलाल उड़ा। हर चेहरे पर रंग-गुलाल नजर आया। रंगपंचमी मनाने सोमवार सुबह से ही हजारों लोग राजबाड़ा पहुंच गए। एक के बाद एक गेर के पहुंचते ही रंग-गुलाल का मिसाइल से उड़ना शुरू हो गया। करीब 200 फीट ऊंचाई से रंगों की बरसात हुई, जिससे पूरा आसमान सतरंगी रंग में नजर आने लगा। गेर का इतिहास आजादी से पहले का है। तब महाराजा तुकोजीराव पांच दिन की होली मनाते थे। लोहे की कोठी रंगाड़ों में रखकर लोग गेर निकालते और पिचकारी से रंगों की बौछार होती थी। अब 72 साल बाद गेर का आकार, स्वरूप बदल चुका है।
