Madhya Pradesh

नदियां सुखने से ग्रामीण क्षेत्र में जल संकट की दस्तक

ग्रामीणों ने की नदी गहरीकरण एवं नदियों पर स्टॉप डैम बनाने की मांग

खातेगांव ।देवास जिले के अंतिम छोर पर खातेगांव क्षेत्र में प्रमुख नदियां जामनेर नदी बागदी नदी एवं गोनी नदी किसने नदी सहित सभी छोटे बड़े नाले भी पूर्ण रुप से सुख चुके हैं मां नर्मदा का भी जल स्तर कम हो रहा है आने वाले मार्च अप्रैल मई महीने में खातेगांव क्षेत्र में भीषण जल समस्या का सामना क्षेत्रवासियों को करना पड़ेगा । दिन प्रतिदिन पेयजल के लिए ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण पानी के लिए दर दर भटक रहे हैं कई गांवों में 1 से 5 किलोमीटर दूर से जल लाना पड़ रहा है जिम्मेदार लोगों का इस और कोई ध्यान नहीं है ।खातेगांव जनपद पंचायत क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों में जल संकट ने अभी से 10 तक देना प्रारंभ कर दी है।कई ग्रामों में जल संकट के लिए अभी तक जिम्मेदारों ने कोई कार्य योजना तैयार नहीं की है। भीषण जल संकट की स्थिति खातेगाव क्षेत्र में अभी से प्रारंभ हो रही है। जिम्मेदार अधिकारियों के ग्रामीण क्षेत्र में नहीं पहुंचने के कारण समस्याएं विकराल रूप ले रही है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने कहा की नदियों पर जब तक स्टॉप डेम का निर्माण नहीं होगा नदी का गहरी करण नहीं होगा। तब तक क्षेत्र की जन समस्या से निजात नहीं मिलेगी। धरती किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष पटेल भील खेल ने बताया कि पूर्व में जिलाधीश को अवगत कराया है कि बाद भी नदी से होकर देवास नर्मदापाइपलाइन जाती है इस पाइपलाइन को खोलकर नदी में पानी भरा जाए लेकिन इस और भी अभी तक कोई पहल नहीं की गई क्षेत्र के वरिष्ठ विचारक शिवप्रसाद ताम्रकार ने कहा कि यदि अभी जल की महत्ता को नहीं समझा तो आने वाले समय में तीसरा विश्व युद्ध जल के लिए ही होगा। पानी की हर एक बूंद अनमोल है लेकिन शासन-प्रशासन के द्वारा जब तक नदी गहरीकरण का कार्य नहीं किया जाएगा।क्षेत्र से जल समस्या खत्म नहीं होगी ।

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