नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर जारी युद्धविराम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि 12 मई को दोनों देशों के बीच बनी संघर्षविराम की सहमति आज, 18 मई को समाप्त हो सकती है। इतना ही नहीं, यह भी कहा जा रहा था कि आज भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) स्तर की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है।
लेकिन अब इन सभी अटकलों पर भारतीय सेना ने विराम लगा दिया है। सेना की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया गया है कि आज भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच किसी भी प्रकार की कोई बातचीत निर्धारित नहीं है। साथ ही, 12 मई को युद्धविराम को लेकर जो सहमति बनी थी, उसकी कोई निश्चित समाप्ति तिथि भी नहीं है।
सेना ने तोड़ी चुप्पी, दिया स्पष्ट जवाब
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने कहा, “आज किसी भी डीजीएमओ स्तर की बातचीत की योजना नहीं है। 12 मई को डीजीएमओ स्तर पर जो वार्ता हुई थी, उसमें दोनों पक्षों ने सीमा पर किसी भी प्रकार की गोलीबारी या शत्रुतापूर्ण कार्रवाई से बचने पर सहमति जताई थी। इस समझौते की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है।”
12 मई को हुई थी पिछली बातचीत
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ अधिकारियों के बीच पिछली बातचीत 12 मई को शाम 5 बजे हुई थी। यह संवाद 10 मई को दोनों देशों के बीच बनी युद्धविराम की प्रारंभिक सहमति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था। इस दौरान दोनों पक्षों ने दृढ़ संकल्प लिया था कि वे एक-दूसरे के विरुद्ध किसी भी प्रकार की फायरिंग या आक्रामक कदम नहीं उठाएंगे।
क्यों बढ़ा था सीमा पर तनाव?
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भयावह आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इस कायराना हमले के बाद, भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था, जिसके तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया था।
इस घटनाक्रम के बाद, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने को लेकर एक सहमति बनी थी। हालांकि, इस समझौते के कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तान ने नापाक हरकत करते हुए सीजफायर का उल्लंघन कर दिया था और जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में कई बार गोलीबारी की थी। भारतीय सेना ने इस उकसावे का मुंहतोड़ जवाब दिया था और पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी कि भविष्य में यदि ऐसी कोई भी हरकत दोबारा की गई तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
कौन होते हैं DGMO?
सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) भारतीय सेना के उच्च पदस्थ अधिकारी होते हैं, जो सीमाओं पर सैन्य गतिविधियों और ऑपरेशनों की निगरानी करते हैं। जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है, तो इन्हीं अधिकारियों के बीच हॉटलाइन पर बातचीत होती है, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और आगे बढ़ने से रोका जा सके।
निष्कर्ष:
भारतीय सेना के स्पष्ट बयान के बाद यह साफ हो गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम फिलहाल समाप्त नहीं हो रहा है और आज किसी भी डीजीएमओ स्तर की बैठक का आयोजन नहीं किया जा रहा है। मीडिया में चल रही खबरें निराधार और भ्रामक हैं। वर्तमान में दोनों देशों के बीच संघर्षविराम लागू है, लेकिन भारतीय सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि पाकिस्तान ने भविष्य में किसी भी प्रकार का उल्लंघन किया, तो उसे इसका करारा जवाब दिया जाएगा।