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21 साल की उम्र में रचा इतिहास! इस लड़की ने बिना कोचिंग बनी भारत की सबसे युवा IAS अफसर, जानिए उनकी प्रेरणादायक कहानी!

नई दिल्ली: जहां आजकल 21 साल के युवा अपने करियर की राह तलाशने में भी उलझे रहते हैं, वहीं पंजाब की इस बेटी ने ऐसी उम्र में यूपीएससी (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) पास कर एक नया इतिहास रच दिया है। आस्था सिंह ने यूपीएससी सीएसई 2024 की परीक्षा में शानदार 61वीं रैंक हासिल की है, जिसके साथ ही उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में सरकारी नौकरी का प्रस्ताव मिलेगा। इन दिनों आस्था सिंह देश की सबसे कम उम्र की आईएएस अफसर बनकर हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई हैं।

हमने पहले भी कम उम्र के आईएएस अफसरों के कई उदाहरण देखे हैं, किसी ने 22 साल में तो किसी ने 23 साल में यह प्रतिष्ठित मुकाम हासिल किया। लेकिन आस्था सिंह ने महज 21 साल की उम्र में यह अनूठा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। सबसे खास बात यह है कि आस्था ने बिना किसी कोचिंग संस्थान की मदद लिए, अपने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की है। तो आइए जानते हैं कौन हैं आस्था सिंह और उन्होंने अपनी पढ़ाई कहां से पूरी की है।

पंजाब की बेटी, भोपाल और दिल्ली से गहरा नाता

आस्था सिंह मूल रूप से पंजाब के जीरकपुर की रहने वाली हैं। उनकी स्कूली शिक्षा मध्य प्रदेश के भोपाल और हरियाणा के पंचकुला जैसे शहरों में हुई। इसके बाद उन्होंने देश की प्रतिष्ठित दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से साल 2023 में इकोनॉमिक्स (अर्थशास्त्र) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। अपनी अकादमिक उत्कृष्टता का परिचय देते हुए, उन्होंने साल 2024 में हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की एचसीएस (HCS) परीक्षा में भी 31वीं रैंक हासिल की। वर्तमान में वह हरियाणा सरकार में असिस्टेंट एक्साइज और टैक्सेशन ऑफिसर के तौर पर प्रशिक्षण ले रही हैं।

दादा का सपना बनकर साकार हुईं अफसर

आस्था सिंह बचपन से ही पढ़ाई में असाधारण रूप से तेज थीं। उनकी पारिवारिक जड़ें उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से जुड़ी हुई हैं। उनके दादाजी अक्सर कहा करते थे कि यह लड़की एक दिन कलेक्टर बनेगी। आस्था बताती हैं कि शायद तभी से कहीं न कहीं उनके दिमाग में यूपीएससी सीएसई का सपना घर कर गया था। 12वीं बोर्ड की परीक्षा खत्म होते ही उन्होंने अफसर बनने का दृढ़ निश्चय कर लिया था। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इकोनॉमिक्स में बीए करने का फैसला किया, क्योंकि वह सिविल सेवा परीक्षा के वैकल्पिक विषय के तौर पर इसी विषय को चुनना चाहती थीं। हालांकि, उनका पूरा कॉलेज का जीवन कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया, जिसके कारण उन्हें ऑनलाइन ही पढ़ाई करनी पड़ी।

बिना कोचिंग के तय किया सफलता का शिखर

यूपीएससी सीएसई की तैयारी के लिए आस्था सिंह जीरकपुर शिफ्ट हो गईं थीं। परीक्षा के अपने पहले प्रयास के लिए उनके पास एक साल से भी कम का समय बचा था। ऐसे में किसी फाउंडेशन कोर्स में दाखिला लेना उन्हें समय की बर्बादी लगा। उन्हें अपनी क्षमताओं और सही अध्ययन सामग्री पर पूरा भरोसा था कि वह स्वयं ही यूपीएससी के विशाल पाठ्यक्रम को पूरा कर सकती हैं। और यहीं से उनकी यूपीएससी की चुनौतीपूर्ण यात्रा शुरू हुई। कॉमर्स की पृष्ठभूमि से होने के कारण, उन्होंने पहले कभी कोई प्रतियोगी परीक्षा नहीं दी थी, लेकिन फिर भी उन्हें अपनी मेहनत और लगन पर अटूट विश्वास था।

हरियाणा सिविल सर्विस परीक्षा से किया आत्मविश्वास का आगाज

आस्था सिंह यूपीएससी सीएसई प्रीलिम्स को अपनी पहली प्रतियोगी परीक्षा के तौर पर नहीं देखना चाहती थीं, क्योंकि वह परीक्षा के प्रारूप से परिचित होना चाहती थीं। इसलिए, उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के हरियाणा सिविल सर्विस परीक्षा का फॉर्म भर दिया। एचपीएससी एचसीएस के प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू को सफलतापूर्वक पास करने के बाद उनका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ गया। यूपीएससी सीएसई 2024 के प्रीलिम्स के परिणाम 1 जुलाई 2024 को घोषित हुए थे। इसके बाद उन्होंने पूरी तरह से मेन्स की तैयारी में खुद को झोंक दिया। एचपीएससी एचसीएस के फाउंडेशनल कोर्स के साथ-साथ वह रोजाना 6-7 घंटे यूपीएससी मेन्स की पढ़ाई भी करती थीं।

अपनी अथक मेहनत, स्पष्ट लक्ष्य और अटूट जज्बे के दम पर आस्था सिंह ने न केवल यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में बल्कि हरियाणा सिविल सर्विस परीक्षा में भी शीर्ष स्तर की रैंक हासिल करके यह साबित कर दिया कि सच्ची लगन और आत्मविश्वास से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। उनकी यह प्रेरणादायक कहानी निश्चित रूप से उन लाखों युवाओं के लिए एक मिसाल है जो सिविल सेवा में अपना करियर बनाना चाहते हैं।

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