Latest News National News

ऑपरेशन सिंदूर अब मदरसों के सिलेबस में! उत्तराखंड के बाद बिहार में भी उठी जबरदस्त मांग, JDU-BJP ने कहा- ‘देशभक्ति जरूरी’!

पटना: भारतीय सेना के पराक्रम और पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद, अब यह सैन्य अभियान सिर्फ युद्ध के मैदान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि शिक्षा के पाठ्यक्रम का भी हिस्सा बनने जा रहा है! उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने एक बड़ा फैसला लेते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अपने सिलेबस में शामिल करने का निर्णय लिया है। उत्तराखंड की इस पहल के बाद, अब बिहार में भी इसे लागू करने की जबरदस्त मांग उठ रही है, ताकि बच्चों में देशभक्ति और सेना के शौर्य की भावना जगाई जा सके।

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड का मानना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पाठ्यक्रम में शामिल करने से बच्चों को भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों के बलिदान और पराक्रम के बारे में जानकारी मिलेगी, और उनमें भी देश के प्रति प्रेम और गौरव का जज्बा बढ़ेगा। बोर्ड चाहता है कि बच्चे देश के इतिहास और सेना के शौर्य से परिचित हों।

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड की इस पहल के बाद बिहार में भी राजनीतिक गलियारों से यह मांग जोर पकड़ने लगी है। बिहार सरकार के कुछ मंत्रियों और विधायकों ने खुलकर यह मांग उठाई है कि उत्तराखंड के मदरसों की तर्ज पर बिहार के भी स्कूल और मदरसों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सेना के पराक्रम को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए, ताकि बच्चों को सेना के पराक्रम की जानकारी मिल सके और वे गौरवान्वित महसूस कर सकें।

बिहार के मंत्रियों ने क्या कहा?

बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा ने इस मांग का समर्थन करते हुए कहा, “उत्तराखंड की तरह बिहार के भी स्कूल और मदरसों में ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ताकि बच्चे सेना के पराक्रम को जान सकें। वास्तव में इसे पूरे देश के स्कूल और मदरसों में शामिल किया जाना चाहिए।”

जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी इस कदम को सराहा। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड के मदरसों में ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल करना एक अच्छा कदम है। अगर बिहार का शिक्षा विभाग भी ऐसा फैसला करता है तो यह स्वागत योग्य कदम होगा। सेना के पराक्रम से पूरा देश गौरवान्वित है, लेकिन विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है, जो सही नहीं है।”

बिहार सरकार के एक अन्य मंत्री नीरज कुमार बबलू ने भी इस मांग को दोहराया। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर को बिहार के भी स्कूलों, मदरसों और संस्कृत विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए ताकि देश के प्रत्येक बच्चे, खासकर स्कूल के बच्चों को सेना के पराक्रम की जानकारी मिले और उनमें देशभक्ति का जज्बा बढ़े।”

यह देखना दिलचस्प होगा कि उत्तराखंड के बाद बिहार सरकार इस मांग पर क्या फैसला लेती है। अगर बिहार में भी यह लागू होता है, तो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न केवल भारतीय सेना के शौर्य की गाथा बनेगा, बल्कि देश के भविष्य को देशभक्ति के रंग में रंगने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी बन जाएगा।

Please follow and like us:
Pin Share

Leave a Reply