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बिना दवाएं लिए ही लौट रहे जेपी अस्पताल से सीनियर सिटीजन

भोपालभीम नगर निवासी चंद्रकात मिश्रा (55 वर्ष) के दांत में दर्द था। वे जेपी अस्पताल में सुबह करीब 10 बजे से 11 बजे तक लाइन में लगे रहे, लेकिन काउंटर पर कर्मचारी नहीं होने के कारण वे बिना दवा लिए घर लौट गए। वे दोपहर 12 बजे दोबारा दवा लेने पहुंचे तब भी काउंटर पर दवा कर्मचारी मौजूद नहीं थे। यह स्थिति राजधानी के आदर्श अस्पतालों में शुमार जेपी अस्पताल की है, जहां सीनियर सिटीजन के लिए अलग से दवा काउंटर बनाया गया है।

बावजूद बुजुर्गों को दवा नसीब नहीं हो रही। गौरतलब है कि बुजुर्गों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जेपी अस्पताल में अलग से दवा काउंटर बनाया गया है। ताकि बुजुर्ग आसानी दवा ले सकें, उन्हें ज्यादा देर तक लाइन में खड़े रहने की परेशानी न हो, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने इस व्यवस्था को चौपट कर दिया है। कर्मचारी ज्यादातर समय दवा काउंटर से नदारद रहते हैं। बुजुर्ग मरीजों का कहना है कि बुलाए जाने के बाद भी बमुश्किल काउंटर पर पहुंचते हैं, कई बार तो विवाद की स्थिति बन जाती है, लेकिन रोजाना यही हालात रहते हैं। मरीजों ने बताया कि इसकी शिकायत डॉक्टरों से भी की जा चुकी है।

मंत्री ने लगाई थी फटकार, पर हालात नही सुधरे

गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री तुलसी राम सिलावट ने कुछ दिन पहले जेपी अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने मरीजों से बातचीत की थी। उनकी परेशानी के बारे में पूछताछ की थी, कई मरीजों ने दवा न मिलने की शिकायतें की थीं। अस्पताल प्रबंधन को जमकर फटकार भी लगाई थी। बावजूद हालात नहीं सुधरे। इस दौरान बुजुर्ग मरीजों ने दवा मिलने में आ रही परेशान का जिक्र किया था, इसके चलते अलग से काउंटर की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए थे।

धूप में खड़े रहना मजबूरी

अस्पताल में सीनियर सिटीजन के दवा काउंटर पर शेड तक नहीं है। लिहाजा उन्हें धूप में खड़े रहना पड़ रहा है। बता दें कि अस्पताल में रोजाना करीब 500 से 600 सीनियर सिटीजन इलाज कराने पहुंचते हैं।

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