Last Updated: May 24, 2025, 5:41 PM IST
झारखंड के चतरा जिले में एक ऑपरेशन में CRPF के डिप्टी कमांडेंट विक्रांत कुमार ने अदम्य साहस दिखाते हुए पांच शीर्ष नक्सलियों को मार गिराया। उन्हें इस वीरता के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
हाइलाइट्स
- CRPF के डिप्टी कमांडेंट विक्रांत कुमार को शौर्य चक्र।
- झारखंड के चतरा में नक्सल विरोधी अभियान में वीरता।
- अभियान में पांच शीर्ष माओवादियों को मार गिराया गया।
- करीब 50 मिनट तक चली भीषण गोलीबारी।
- भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद।
नई दिल्ली: सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के डिप्टी कमांडेंट विक्रांत कुमार ने एक बेहद जोखिम भरे ऑपरेशन में अद्वितीय साहस का परिचय देते हुए नक्सलियों के गढ़ को तबाह कर दिया। झारखंड के चतरा जिले में एक बड़े नक्सल विरोधी अभियान का नेतृत्व करने के लिए उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े शांतिकाल वीरता पुरस्कार, शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। इस अभियान में पांच शीर्ष माओवादियों को मार गिराया गया, और उनके ठिकाने से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया।
नक्सलियों के गढ़ में बिछाया ‘जाल’:
यह घटना 3 अप्रैल, 2023 की है जब गुप्त सूचना मिली कि चतरा जिले के एक सुदूर इलाके में शीर्ष माओवादी मौजूद हैं। 203 कोबरा बटालियन के डिप्टी कमांडेंट विक्रांत कुमार ने अपनी टीम के साथ एक उच्च जोखिम वाले नक्सल विरोधी अभियान को अंजाम दिया। यह इलाका नक्सलियों का मजबूत गढ़ माना जाता था, जहां हर कदम पर खतरा मंडरा रहा था।
विक्रांत कुमार ने त्वरित निर्णय लेते हुए अपनी टीम को रणनीतिक रूप से तैनात किया। जब टीम नक्सली ठिकाने के करीब पहुंची, तो माओवादियों ने मजबूत ठिकानों से भारी गोलीबारी शुरू कर दी। IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के खतरे और लगातार गोलीबारी के बावजूद, डीसी विक्रांत कुमार ने सामने से नेतृत्व किया। उन्होंने “फायर-एंड-मूव” रणनीति का इस्तेमाल किया और नक्सलियों के साथ घनिष्ठ मुकाबले में शामिल हो गए।
50 मिनट की भीषण मुठभेड़, गढ़ तबाह:
करीब 45-50 मिनट तक चली इस भीषण मुठभेड़ में, विक्रांत कुमार के कुशल नेतृत्व और टीम के अथक प्रयासों से पांच शीर्ष माओवादी ढेर कर दिए गए। ऑपरेशन के दौरान AK-सीरीज और INSAS राइफलों सहित हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया, और एक घायल नक्सली नेता को भी पकड़ लिया गया। यह ऑपरेशन नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता थी, जिसने क्षेत्र में नक्सलियों के प्रभाव को कमजोर कर दिया।
शौर्य चक्र से सम्मान:
विक्रांत कुमार की असाधारण बहादुरी, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता और कर्तव्य के प्रति अटूट समर्पण के लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार देश की सुरक्षा के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान और वीरता का प्रतीक है। उनकी इस वीरतापूर्ण कार्रवाई से न केवल झारखंड में नक्सल विरोधी अभियानों को बल मिला है, बल्कि यह अन्य सुरक्षाकर्मियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है।
Location: चतरा, झारखंड