6 साल बाद 'मास्टरमाइंड' जमील अहमद गिरफ्तार, 'नशा मुक्त भारत' की दिशा में अहम कदम
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6 साल बाद ‘मास्टरमाइंड’ जमील अहमद गिरफ्तार, ‘नशा मुक्त भारत’ की दिशा में अहम कदम

अपडेटेड: 29 मई, 2025 13:23 IST

दिल्ली पुलिस की ‘ड्रग तस्करों’ पर बड़ी ‘कार्रवाई’! 6 साल बाद ‘मास्टरमाइंड’ जमील अहमद गिरफ्तार, ‘नशा मुक्त भारत’ की दिशा में अहम कदम

दिल्ली पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक प्रमुख ड्रग तस्करी सिंडिकेट के कथित मास्टरमाइंड **जमील अहमद** को गिरफ्तार कर लिया है, जो पिछले छह साल से फरार था। अहमद की गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति और ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ (NMBA) के तहत नारकोटिक्स पर चल रही कार्रवाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है।

मुख्य बातें

  • दिल्ली पुलिस की ANTF ने 6 साल से फरार ड्रग तस्कर जमील अहमद को गिरफ्तार किया।
  • अहमद 2019 में कश्मीरी गेट से जब्त 500 किलोग्राम गांजा मामले का मास्टरमाइंड था।
  • गिरफ्तारी नूह, हरियाणा के उसके गांव पिनांगवान से हुई।
  • फरार रहने के दौरान अहमद मुंबई में इवेंट मैनेजमेंट का काम कर रहा था।
  • इस मामले में पहले ही तीन अन्य आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
  • ओडिशा से गांजा सप्लाई करने वाले गैब्रियल और पॉल की तलाश जारी।

**नई दिल्ली, 29 मई:** दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक प्रमुख ड्रग तस्करी सिंडिकेट के कथित मास्टरमाइंड जमील अहमद को गिरफ्तार कर लिया है, जो पिछले छह साल से फरार था। गुरुवार को पुलिस ने यह जानकारी दी।

अहमद की गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति और व्यापक ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ (NMBA) के उद्देश्यों के तहत नारकोटिक्स पर चल रही कार्रवाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

मामला 2019 का:

यह मामला जून 2019 का है, जब क्राइम ब्रांच की तत्कालीन नारकोटिक्स सेल (अब ANTF) ने कश्मीरी गेट के मेटकाफ बस स्टैंड पर एक ट्रक से **500 किलोग्राम गांजा** जब्त किया था। इस खेप के संबंध में तीन व्यक्तियों – असलम खान और मौसम खान (दोनों हरियाणा के नूंह जिले से) और जखम खान (राजस्थान के अलवर से) को गिरफ्तार किया गया था।

पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुलासा किया था कि गांजा ओडिशा से नूंह, हरियाणा के पिनांगवान गांव के निवासी जमील अहमद के इशारे पर प्राप्त किया गया था। गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी, और उनका मुकदमा चल रहा है। पुलिस के कई प्रयासों और उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बावजूद, अहमद सालों तक लापता रहा।

नई टीम का गठन और गिरफ्तारी:

2025 की शुरुआत में, मामले का पीछा करने के लिए एक नई टीम का गठन किया गया था। लगातार प्रयासों और खुफिया जानकारी जुटाने के बाद, टीम ने 8 मई को जमील अहमद को उसके पिनांगवान गांव स्थित आवास पर ढूंढ निकाला और गिरफ्तार कर लिया।

फरार रहने के दौरान की गतिविधियां:

जांच में खुलासा हुआ कि 2019 की गिरफ्तारियों के बाद, अहमद मुंबई भाग गया था और इवेंट मैनेजमेंट में काम करने लगा था। गिरफ्तारी से बचने के लिए, वह अक्सर अपना मोबाइल फोन बदलता था और शायद ही कभी घर आता था, हालांकि वह कभी-कभी अपने बच्चों से मिलने लौटता था।

पूछताछ के दौरान, अहमद ने खुलासा किया कि उसने ओडिशा के रहने वाले दो व्यक्तियों – गैब्रियल और पॉल – से गांजा खरीदा था। एक पुलिस टीम उन्हें ट्रैक करने के लिए ओडिशा के गजपति जिले के टिकमाला गांव भेजी गई है। गैब्रियल एक कुख्यात ड्रग तस्कर पाया गया, जो पास की पहाड़ियों में गांजे की खेती करता था और जिसे 2020 में पीएस आर. उदयगिरी द्वारा 17 करोड़ रुपये के गांजे की खेती के लिए पहले भी गिरफ्तार किया गया था। उसकी तलाश वर्तमान में जारी है।

जमील अहमद की गिरफ्तारी को ANTF के लिए एक बड़ी सफलता बताया जा रहा है, जो राज्यों में फैले ड्रग नेटवर्क को खत्म करने के उसके प्रयासों को और मजबूत करेगा।

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