लोकसभा चुनाव में भाजपा कई दिग्गज नेताओं का टिकट काट सकती है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है, मगर संकेत हैं कि पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, भुवन चंद्र खंडूड़ी सहित कई नेता टिकट से वंचित हो सकते हैं। जहां तक यूपी का सवाल है तो यहां साक्षी महाराज सहित कम से कम दो दर्जन सांसदों का टिकट कटना तय माना जा रहा है। भाजपा के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल आडवाणी व जोशी के भविष्य पर हालांकि अंतिम फैसला नहीं हो पाया है, मगर शीर्ष स्तर पर इनकी भावी भूमिका पर गहन मंथन हो रहा है। इनमें जोशी को नेतृत्व की ओर से चुनाव बाद राज्यपाल की जिम्मेदारी देने का संकेत दिया जा चुका है, लेकिन आडवाणी को अब तक इस आशय की जानकारी नहीं दी गई है।
गौरतलब है कि वर्ष 2014 का चुनाव जीतने के बाद से ही इन वरिष्ठ नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया था।
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जिन तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी ने सत्ता गंवाई थी, वहां 70 फीसदी से अधिक सांसदों को पार्टी दोबारा मैदान में नहीं उतारना चाहती। पार्टी छत्तीसगढ़ में सभी 11 सीटों पर नया उम्मीदवार उतारने का फैसला कर चुकी है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इन तीन राज्यों में स्थानीय सांसदों के खिलाफ तो जबर्दस्त नाराजगी है, मगर पीएम मोदी के खिलाफ सकारात्मक राय है। ऐसे में दिल्ली नगर निगम चुनाव की तर्ज पर पार्टी ने ज्यादातर सीटों पर नए चेहरे को मौका देने का फैसला किया है।
यूपी में 28 सीटों पर ही पुराने प्रत्याशी बीते चुनाव में सहयोगियों के साथ यूपी की 80 में से 73 सीटें जीतने वाली पार्टी सबसे ज्यादा इसी राज्य पर मंथन कर रही है। अब तक दो दर्जन सांसदों के टिकट काटने और पीएम मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत 28 सीटों पर ही पुराने प्रत्याशी को उतारने का फैसला हुआ है। शेष सीटों पर मंथन जारी है। जिनके टिकट काटे जाने की चर्चा है उनमें साक्षी महाराज, अंजू बाला, शरद त्रिपाठी, भरत सिंह, राम चरित्र निषाद, छोटेलाल, कृष्णा प्रताप, देवेंद्र सिंह, अंशुल वर्मा, रविंद्र कुशवाहा, अशोक दोहरे, बाबू लाल, रेखा वर्मा, लल्लू सिंह, हरीश द्विवेदी शामिल हैं। वहीं, उनमें मनोज सिन्हा, रामशंकर कठेरिया, वीके सिंह, महेंद्र पांडेय, हेमा मालिनी, वीरेंद्र सिंह मस्त, बृजभूषण शरण सिंह, कंवर सिंह तंवर, रामशंकर कठेरिया, राजवीर सिंह को दोबारा टिकट दिया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ में सभी मौजूदा सांसदों के टिकट काटे
भाजपा ने छत्तीसगढ़ में सभी वर्तमान सांसदों के टिकट काट दिए हैं। आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी ने इन 10 सीटों पर नए चेहरों को मौका देने का निर्णय लिया है। इस अप्रत्याशित फैसले की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद भाजपा महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी अनिल जैन ने की।
पार्टी ने वर्तमान सांसदों के किसी रिश्तेदार को भी उनकी जगह टिकट देने से इनकार कर दिया है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह के टिकट पर भी सवालिया निशान लग गया है, जो राजनंदगांव सीट से सांसद हैं। इसके अलावा वर्तमान केंद्रीय मंत्री विष्णु देव सती और सात बार लोकसभा चुनाव जीत चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश बैस भी इस बार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। पार्टी के इस फैसले को विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से जोड़कर देखा जा रहा है।