कंट्रोल रूम में ऊर्जा डेस्क की जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला
भोपाल। महिला संबंधी अपराधों में संवेदनशीलता से की गई त्वरित कार्रवाई एवं तत्काल पुलिस सहायता से पीड़ित महिलाओं को न्याय मिलने एवं अपराधियों को कठोर सजा होने की पूरी संभावना रहती है। इसलिए थाना एवं महिला डेस्क में आने वाली फरियादिया की बातें संवेदनशीलता से सुनकर तत्काल उचित कार्रवाई करें एवं विवेचना में पारदर्शिता लाएं। यह बातें गुरुवार को डीआईजी इरशाद वली ने ऊर्जा डेस्क अरजेंट रिलीफ जस्ट एक्शन (ऊर्जा डेस्क) के प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में कही।
ऊर्जा डेस्क के नोडल अधिकारी एसपी विनीत कपूर(डिप्टी डायरेक्टर पीटीएस भौरी) ने कहा कि पीड़ित महिलाओं को त्वरित पुलिस सहायता और न्याय संगत कार्रवाई ऊर्जा डेस्क का उद्देश्य हैं। मुख्य प्रशिक्षक इंस्पेक्टर रजनी तिवारी ने बताया कि एमआईटी यूनिवर्सिटी, आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एवं यूनिवर्सिटी आॅफ वर्जिनिया के प्रोफेसरों द्वारा संस्थापित जे-पॉल अब्दुल जमील लतीफ पावर्टी आॅफ एक्सन लैब एक शोध संस्था है जो अपराधों एवं सामाजिक मुद्दों पर शोध कर रही है, जिन्होंने एक वर्ष पूर्व डीजी रिसर्च सेल के साथ टडव (मेमोरेंडम आॅफ अंडरस्टैंडिंग) किया था।
इस शोध संस्था का मुख्य फोकस महिलाओं से जुड़े अपराधों पर रिसर्च कर उन्हें तत्काल पुलिस सहायता उपलब्ध कराना है, ताकि एवं महिला संबंधी समस्याओं एवं अपराधों में महिलाओं को न्याय दिलाने में मदद मिल सके।
इन अधिकारियों की रही भागीदारी
इस अवसर पर एसपी नार्थ हेमंत चौहान, एएसपी महिला अपराध श्रीमती श्रध्दा जोशी एसपी साउथ सम्पत उपाध्याय एवं सीएसपी श्रीमती बिट्टू शर्मा, सीएसपी नागेंद्र पटेरिया, सीएसपी सुरेश दामले एवं सम्बंधित थाना प्रभारी, डेस्क प्रभारी एवं हेड मोहर्रिर समेत दर्जनों अधिकारी उपस्थित रहे।