भोपाल। शब-ए-बारात का त्यौहार राजधानी में अकीदत के साथ मनाया गया सुबह से ही पुराने शहर के भीतर लोग तैयारियों में लग गए थे। दोपहर के बाद लोग मस्जिदों की तरफ रवाना हो लगे थे । इबादत का सिलसिला शाम को शुरू हो गया था। कब्रिस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों की मग्फिरत की दुआ की गई। कब्रिस्तानों और मस्जिदों से लौटते वक्त लोगों ने खैरात बांटी इसके साथ ही तबर्रूक भी तकसीम किया गया।
राजधानी में शब-ए-बारात के त्यौहार को रिवायती तरीके से मनाते हुए अकीदतमंदों द्वारा रात भर जागकर इबादत की
शाम को सूरज ढलते ही मग्रिब की नमाज अदा करने के बाद से ही लोगों का रूख कब्रिस्तानों की तरफ हो गया। कई लोग रात में ईशा की नमाज के बाद कब्रिस्तान, खानकाहों और दरगाहों पर पहुंचकर अपने अजीजो अकारिब को फातिहा दे रहे हैं। फातिहा देकर कब्रिस्तान से लौटते समय खैरात, जकात और सदका भी करते हुए चल रहे थे । रात भर इबादत के बाद दूसरे दिन सुबह से नफिल रोजा भी रखा जाता है। इसके साथ ही अब लोग मुकद्दस रमजान के मुन्तजिर होंगे। जिसमें पूरे माह रोजे रख कर मुस्लिम धर्मावलम्बी अल्लाह की रजा हासिल करते हैं।
मस्जिदों में जारी था इबादत का दौर
शहर की हर छोटी-बड़ी मस्जिद में इबादत का दौर चल रहा था , जो कि पूरी रात जारी रहा । जहां अकीदतमंद मस्जिदों में विशेष नफ्ल नमाज अदा कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कुरआन पाक की तिलावत (पाठ) भी की जा रही थी । फजिर की नमाज तक यह सिलसिला जारी रहा । मस्जिदों के अलावा घरों में भी लोग इबादत करने में मशगूल थे । यहां भी कुरआन पाक की तिलावत और विशेष नमाजें अदा की जा रही थी
इन कब्रिस्तानों में उमड़ा हुजूम
अकीदतमंदों द्वारा शब-ए-बारात पर अपने परिजनों और पूर्वजों को फातिहा देने के लिए हुजूम सा उमड़ । बड़ा बाग कब्रिस्तान, भोपाल टॉकीज कब्रिस्तान, फूटा मकबरा कब्रिस्तान, झदा कब्रिस्तान, बाग दिलकुशा कब्रिस्तान, बैरागढ़ कब्रिस्तान सहित शहर में तकरकीन 46 से ज्यादा कब्रिस्तानों में अकीदतमंद अपने पूर्वजों – रिश्तेदारों को फातिहा देने पहुंच रहे हैं।
पुराने शहर के बाजार भी खुले
– जहां एक तरफ इबादत का दौर चल रहा है, वहीं पुराने शहर के बाजार भी खुले हुए हैं। खासकर चाय-नाश्ते और खाने की होटले खुली हुर्इं हैं। युवा वर्ग होटलों और दुकानों पर भी नजर आ रहा है। हालांकि उलेमाओं ने इस कीमती रात में सिर्फ इबादत करने के लिए ही कहा है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
राजधानी में त्यौहार के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे। आचार संहिता के मद्देनजर जगह-जगह बेरिकेट्स लगे हुए थे, ताकि व्यवस्था बनाने के साथ ही किसी भी अप्रिय स्थिति से तत्काल निपटा जा सके। सुरक्षा के कड़े इंतजाम , जगह जगह बेरिकेट्स लगे हुए थे, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके।
कब्रिस्तान के बाहर फकीरों का जमावड़ा
रिवायत है कि आज के दिन गरीब मोहताजों को खाना खिलाते हैं और खैरात अदा करते हैं। इसके मद्देनजर शहर के प्रमुख कब्रिस्तानों के बाहर फकीर कतारबद्ध बैठे हुए हैं। जिन्हें कब्रिस्तान से लौटते समय लोग खैरात दी जा रही है और मोहताजों को भोजन तकसीम किया किया गया।