यूपी के पूर्वांचल में छठवें और सातवें चरण की सीटों का चुनावी तापमान बढ़ने लगा है। प्रत्याशी मतदाताओं की गोलबंदी में जुट गए हैं। इसके बावजूद सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस द्वारा कई सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय नहीं किए जा सके हैं। राजनीतिक हल्के में सबसे अधिक चर्चा में पीएम नरेंद्र मोदी की सीट वाराणसी की हो रही है। इस सीट से विपक्ष से अभी तक किसी भी दल ने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं।
2014 में पूर्वांचल में आजमगढ़ सीट को छोड़कर सभी सीटों पर भाजपा ने इकतरफा जीत हासिल की थी। इस बार सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के सहारे भाजपा के इस किले में सेंधमारी के इरादे से उतरी है। बहुत ही सोच विचार के बाद दोनों धड़ों ने प्रत्याशी दिए हैं। इसके बावजूद कुछ सीटें ऐसी हैं जहां पर मजबूत प्रत्याशी देने में सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस को माथापच्ची करनी पड़ रही है।
सपा से वाराणसी, बलिया और चंदौली से नाम का ऐलान नहीं
गठबंधन के तहत समझौते में मिलीं सीटों में समाजवादी पार्टी ने वाराणसी, बलिया, और चंदौली से प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। पार्टी सूत्र बताते हैं कि तीनों सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम तय किए जा चुके है। एक-दो दिनों के अंदर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी। सूत्र बताते हैं कि समाजवादी पार्टी बलिया से संग्राम यादव तथा चंदौली से ओम प्रकाश सिंह को टिकट दे सकती है। वाराणसी से सुरेंद्र पटेल पार्टी के प्रत्याशी हो सकते हैं।
कांग्रेस ने वाराणसी, बलिया पर नहीं खोले पत्ते
कांग्रेस ने भी अभी तक पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय सीट वाराणसी, गोरखपुर, बलिया और डुमरियागंज से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस इन सीटों पर ऐसे प्रत्याशी देने की तैयारी में है जो भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकें। सूत्र बताते हैं कि डुमरियागंज से कांग्रेस डा. चंद्रेश उपाध्याय को टिकट दे सकती है। उपाध्याय ने रविवार को ही कांग्रेस ज्वाइन किया है।