वाराणसी। समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर वाराणसी संसदीय क्षेत्र नामांकन करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन गलत जानकारी देने एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं जमा करने के बुधवार को रद्द कर दिया गया है।
अधिकारिक सू्त्रों ने बताया कि श्री यादव ने दो नामांकन पत्र दाखिल किये थे। चुनाव आयोग द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं देने एवं गलत जानकारियां देने के कारण उनके दोनों पर्चे रद्द किये गए हैं। उन्होंने बताया कि नामांकन पत्र में श्री यादव ने बीएसएफ की नौकरी से अपनी बर्खास्तगी से संबंधित सही जानकारी छुपायी थी। जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने मंगलवार को नमांकन पत्रों की जांच के बाद नोटिस जारी कर उन्हें निवार्चन आयोग द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक पेश करने को कहा गया था, लेकिन श्री यादव निर्धारित समय पर वह प्रमाण पत्र पेश नहीं कर पाये थे।
उन्होंने बताया कि श्री यादव ने निर्दलीय के तौर नामांकन दाखिल करने के दौरान उन्होंने बीएसएफ से बर्खास्त किये जाने की जानकारी वाले कॉलम में ‘हां’ में जवाब दिया, जबकि सपा के चुनाव चिन्ह पर अंतिम दिन 29 अप्रैल को जब नामांकन पत्र दाखिल किया तो उसमें उन्होंने ‘नहींÓ में जानकारी दी थी। इससे संदेह हुआ, कि उन्होंने गलत जानकारी दी या छुपायी। इसी वजह से नोटिस जारी कर उनसे अनापत्ति प्रमाण पत्र देने को कहा गया था, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। हालांकि, तेज बहादुर का कहना है कि उन्होंने कोई भी जानकारी नहीं छुपायी।
सपा से टिकट मिलने बाद दूसरी बार नामांकन पत्र दाखिल करते समय शपथ पत्र के साथ सही जानकारी दी थी। उसमें उन्होंने साफ किया था कि पहली बार नामांकन पत्र भरते समय दी गई जानकारी गलत थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि श्री मोदी के दवाब में जिला निर्वाचन अधिकारी ने तरीके से नामांकन पत्र खारिज किया है। इसके लिए पहले से ही साजिश की जा रही थी और इस बारे में उन्होंने पहले ही आशंका व्यक्त की थी। नामांकन पत्र रद्द किया जाने के खिलाफ वह उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे।