डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापार में वरीयता की सामान्य व्यवस्था (GSP) के तहत भारत को विकासशील देश के रूप में प्रशुल्क में छूट का लाभ समाप्त करने पर भारत ने कहा कि हम व्यापार के मामलों में अपने राष्ट्रीय हित को हमेशा बनाए रखेंगे. हमारे लोग भी जीवन जीने के बेहतर मानकों की आकांक्षा रखते हैं. भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले की निंदा करते हुए उसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. साथ ही ये भी कहा की सी भी रिश्ते में विशेष रूप से आर्थिक संबंधों के क्षेत्र में ऐसे मुद्दे जो समय-समय पर हल हो जाते हैं. हम इन मुद्दों को नियमित प्रक्रिया के रूप में देखते हैं और अमेरिका के साथ मजबूत संबंधों का निर्माण लगातार जारी प्रयासरत है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से भारत के कुछ उत्पाद अमेरिका में प्रशुल्क लगने से महंगे हो जाएंगे और उनकी प्रतिस्पर्धा क्षमता प्रभावित हो सकती है. सामान्य तरजीही व्यवस्था (GSP) अमेरिका का सबसे बड़ा और पुराना व्यापार तरजीही कार्यक्रम है. यह कार्यक्रम चुनिंदा लाभार्थी देशों के हजारों उत्पादों को शुल्क से छूट देकर आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था. ट्रंप ने कई सांसदों के आग्रह को नजरंदाज करते हुए शुक्रवार को घोषणा की, “भारत ने अमेरिका को अपने बाजार तक समान और यथोचित पहुंच उपलब्ध कराने का आश्वासन नहीं दिया है. इसलिए मैंने तय किया है कि पांच जून, 2019 से भारत का लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा समाप्त करना बिल्कुल उचित होगा.”
कांग्रेस की जनवरी में प्रकाशित एक रपट के मुताबिक, वर्ष 2017 में भारत इस कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा था. उसने आलोच्य वर्ष में अमेरिका को बिना किसी शुल्क के 5.7 अरब के सामान का निर्यात किया.अमेरिका के एक व्यापार संगठन कोएलेशन फॉर जीएसपी के कार्यकारी निदेशक डान एंथनी ने कहा कि ट्रंप के इस फैसले से अमेरिकी कारोबारियों को हर साल 30 करोड़ डॉलर से अधिक के अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा. एंथनी ने कहा, ”जीएसपी के फायदे खत्म करने से अमेरिका के छोटे कारोबारियों को नया कर देना होगा. इससे नौकरियां जाएंगी, निवेश रद्द होगा और उपभोक्ताओं के लिए लागत बढ़ेगा. सीनेट और हाउस द्वारा करीब सर्वसम्मति से देश को जीएसपी के तहत मिल रहे लाभ को तीन साल तक के लिए बढ़ाने के महज एक वर्ष बाद ट्रंप सरकार ने ऐसे देश का जीएसपी दर्जा समाप्त कर दिया है, जो अमेरिकी कंपनियों का सबसे अधिक धन बचाता है.”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सैकड़ों अमेरिकी कारोबारियों भारत के जीएसपी दर्जे को जारी रखने के पक्ष में थे लेकिन इसके बावजूद उसे रद्द कर दिया गया. ट्रंप सरकार की दलील है कि भारत कई क्षेत्रों में अपने बाजार तक अमेरिका को समान और यथोचित पहुंच दिलाने में विफल रहा है. इसी बीच भारत ने कहा कि अमेरिका द्वारा जीएसपी के तहत भारतीय उत्पादों को शुल्क में मिलने वाली छूट को समाप्त किये जाने के प्रस्ताव से भारत द्वारा अमेरिका को किए जा रहे निर्यात पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा.