10 साल पुराने द्वारकापुरी के चर्चित विकास वर्मा उर्फ गुल्टू हत्याकांड में शनिवार को जिला व सत्र न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है। नगर निगम के जनकार्य समिति प्रभारी शंकर यादव को बरी कर दिया गया है, लेकिन उनके छोटे भाई राजू और दीपक सहित छह को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
शनिवार को न्यायालय परिसर में काफी गहमागहमी रही। फैसले के वक्त कोर्ट रूम भी खचाखच भरा हुआ था। सभी आठ आरोपी सुबह से ही कोर्ट में थे। जैसे कोर्ट ने अपना फैसला सुनाना शुरू किया तो आरोपियों का चेहरा पीला पड़ गया। छह को उम्रकैद सुनाने के बाद जब शंकर यादव व पप्पू की बारी आई। कोर्ट ने दोनों को सबूतों के अभाव में बरी करने के आदेश दिए, लेकिन दोनों को खुशी नहीं हुई। कारण यह कि छोटे भाई को उम्रकैद पहले ही सुना दी गई थी।
बता दें की गुल्टू की मौत के बाद उसकी मां बसंतीदेवी एमआईसी सदस्य शंकर यादव सहित अन्य आरोपियों को सजा दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ती रही। जब तक उनके हाथ-पैर चल रहे थे तब तक वह हर पेशी पर कोर्ट में आती थी। बाद में कैंसर की गिरफ्त में आने के बाद आना बंद हो गया। टाटा मेमोरियल अस्पताल में उनका इलाज चला। पिछले महीने ही उनका निधन हो गया था।
