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आज मोगैंबो अमरीश पूरी की 87 वि जन्म वर्षगांठ के मौके पर गूगल ने दिया ट्रिब्यूट, पड़े जीवन से जुडी रोचक बातें।

आज 22 जून को भारत के बेहरीन अदाकारों में से एक और सबसे चर्चित विलन रहे अमरीश पूरी की 87 वि बर्थ एनिवर्सरी हैं, जिसको ट्रिब्यूट देते हुए गूगल ने भी भारत में उनका डूडल पेश किया है।

22 जून 1932 को लाहौर, में जन्मे अमरीश 12 जनवरी, 2005 को ब्रेन हेमरेज के चलते दुनिया को अलविदा कह गए थे, उनके निधन पर दुनियाभर में उनके करोड़ों फैन्स में उदासी छा गई थी।

उन्हें बॉलीवुड के सबसे चर्चित और प्रभावशाली विलन का तगमा भी मिला हुआ था उनके कई यादगार किरदारों में सबसे यादगार किरदार मोगैम्बो का था जो उन्होंने फिल्म मिस्टर इंडिया के लिए निभाया था, इस किरदार के लिए उन्हें बेस्ट विलेन के कई अवार्डों से नवाज़ा गया था। इसके साथ ही उन्होंने कई चर्चित रोल थे उनके फैंस के दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।

अमरीश पुरी को बॉलीवुड में पहला रोल 39 साल की उम्र में मिला था। सुनील दत्त और वहीदा रहमान स्टारर फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ में उन्होंने रहमत खान नाम के शख्स का रोल प्ले किया था। कम ही लोग जानते होंगे कि अमरीश पुरी ने फ़िल्मी करियर की शुरुआत मराठी सिनेमा से की थी। 1967 में आई मराठी फिल्म ‘शंततु! कोर्ट चालू आहे’ में करियर का पहला रोल किया था। इस फिल्म में अमरीश ने एक अंधे का किरदार प्ले किया था, जो रेलवे कम्पार्टमेंट में गाने गाता है।

पूरी साहब के लिए मशहूर किस्से

रील लाइफ के विलेन, रियल में हीरो थे
मशहूर फिल्म डायरेक्टर श्याम बेनेगल ने एक इंटरव्यू में बताया था, “एक बार हमारे एक दोस्त और उसकी फैमिली का एक्सीडेंट हो गया। पत्नी सरवाइव कर गई, लेकिन दोस्त और उसका बेटा क्रिटिकल थे। हॉस्पिटल में उनके लिए रेयर ब्लड ग्रुप की जरूरत पड़ी, जो कि अमरीश का ग्रुप भी था। हमारे उस दोस्त से उनका कोई परिचय नहीं था। बावजूद इसके वो अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर्स से बोले, ‘मैं ब्लड देना चाहता हूं, जितनी जरूरत हो ले लीजिए।’ दुर्भाग्य से दोस्त और उसका बेटा बचे नहीं। लेकिन बिना किसी के कहे अमरीश का ब्लड देना मूझे आज भी याद है।”

जब श्याम बेनेगल ने दिया निशांत में काम
श्याम बेनेगल के मुताबिक सत्यदेव दुबे के थिएटर ग्रुप में वो अमरीश से पहली बार मिले थे। तब अमरीश लाइफ इंश्योरेंस एजेंट भी थे और मोटरसाइकिल से इधर-उधर घूमा करते थे। बेनेगल ने बताया था कि अपनी पहली फिल्म अंकुर के लिए उन्होंने एक एक्टर को कास्ट किया, जिसकी शारीरिक मौजूदगी अच्छी थी, लेकिन वह प्रॉपर तरीके से डायलॉग नहीं बोल सकता था।

वो कहते हैं, “तब मैंने उस लड़के लिए अमरीश से डब कराया। लेकिन बाद में अहसास हुआ कि मैं ये क्यों कर रहा हूं। इसलिए जब मैंने अपनी अगली फिल्म निशांत बनाई तो अमरीश पुरी को रोल ऑफर कर दिया।” बेनेगल के मुताबिक, निशांत में अमरीश का काम लोगों को पसंद आया और वो पॉपुलर हो गए।

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